सुबह होते ही ज्यादा क्यों चहचहाने लग जाती है चिड़िया, कारण तो आपको जरुर पता होना चाहिए
अगर आप किसी ऐसी जगह पर रहते हैं जहां चिड़ियों की तादाद अधिक है तो आपने अवश्य ही नोटिस किया होगा कि हर सुबह चिड़ियों की चहचहाहट अचानक तेज हो जाती है। यह आवाज न केवल आपके दिन की शुरुआत को मधुर बनाती है बल्कि प्रकृति के इस नैसर्गिक संगीत में कुछ वैज्ञानिक कारण भी छिपे होते हैं।
अगर आप किसी ऐसी जगह पर रहते हैं जहां चिड़ियों की तादाद अधिक है तो आपने अवश्य ही नोटिस किया होगा कि हर सुबह चिड़ियों की चहचहाहट अचानक तेज हो जाती है। यह आवाज न केवल आपके दिन की शुरुआत को मधुर बनाती है बल्कि प्रकृति के इस नैसर्गिक संगीत में कुछ वैज्ञानिक कारण भी छिपे होते हैं।
सुबह के समय चिड़ियों की गतिविधि
सुबह के लगभग 4 बजे चिड़ियाँ अपने दिन की शुरुआत करती हैं। यह समय ऐसा होता है जब सूरज तो निकला नहीं होता लेकिन आसमान में हल्की रोशनी जरूर होती है। इस दौरान चिड़ियाँ न केवल जागती हैं बल्कि ऊंचे स्वर में चहचहाना शुरू कर देती हैं। इस चहचहाहट के पीछे कई वैज्ञानिक कारण होते हैं जो इनके व्यवहार को निर्धारित करते हैं।
भोर के समय चहचहाहट के वैज्ञानिक कारण
वुडलैंड ट्रस्ट और अन्य पक्षी विज्ञानी संगठनों के अध्ययन के अनुसार भोर में चिड़ियों की चहचहाहट मुख्यतः दो कारणों से होती है: पहला यह चहचहाहट उनके मेटिंग रिचुअल्स का हिस्सा होती है जहाँ नर चिड़ियाँ मादा चिड़ियों को आकर्षित करने के लिए गाते हैं दूसरा यह चहचहाहट अपने क्षेत्र की सीमाओं को चिन्हित करने और अन्य पक्षियों को चेतावनी देने का एक माध्यम भी है।
चहचहाहट का समय क्यों चुना जाता है?
यह प्रश्न अक्सर उठता है कि आखिर चिड़ियाँ दिन के किसी भी अन्य समय के बजाय भोर में ही क्यों चहचहाती हैं। विज्ञान के अनुसार भोर का समय इसलिए चुना जाता है क्योंकि वातावरण में शोर कम होता है और उनकी आवाज दूर तक जा सकती है। इस समय चिड़ियों के लिए भोजन की खोज मुश्किल होती है इसलिए वे अन्य गतिविधियों में शामिल होते हैं।
हॉर्मोनल असर और चिड़ियों की चहचहाहट
अंतिम और दिलचस्प कारण यह है कि चिड़ियों में एंड्रोजन हॉर्मोन का स्तर सुबह के समय उच्च होता है जो उन्हें मिलन के लिए प्रेरित करता है। यह हॉर्मोन न केवल नर चिड़ियों में बल्कि मादा चिड़ियों में भी उत्साह और आकर्षण की भावना को जागृत करता है।