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सिग्नल लाल होने के बाद भी स्टेशन मास्टर क्यों दिखाता है हरी झंडी, जाने इसके पीछे का खास कारण

भारतीय रेलवे ने अपने संचालन के लिए कई नियम और प्रोटोकॉल निर्धारित किए हैं जिनका पालन सभी कर्मचारी करते हैं। इन नियमों में से एक है ट्रेन की सुरक्षित गुजरात को सुनिश्चित करना।
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भारतीय रेलवे ने अपने संचालन के लिए कई नियम और प्रोटोकॉल निर्धारित किए हैं जिनका पालन सभी कर्मचारी करते हैं। इन नियमों में से एक है ट्रेन की सुरक्षित गुजरात को सुनिश्चित करना। इस संदर्भ में आपने देखा होगा कि जब ट्रेन स्टेशन से तेज गति में गुजर रही होती है तो रेलवे कर्मचारी अक्सर हरी झंडी दिखाते हैं।

यह प्रथा आम तौर पर एक जिज्ञासा का विषय बन जाती है। भारतीय रेलवे में हरी झंडी का उपयोग न केवल पारंपरिक रूप से बल्कि यात्रियों और ट्रेन की सुरक्षा को ध्यान में रखकर किया जाता है। यह रेलवे की सुरक्षा और देखरेख की सख्ती को भी दर्शाता है।

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हरी झंडी दिखने का मतलब 

वास्तव में हरी झंडी दिखाने का मुख्य उद्देश्य ट्रेन के संपूर्ण और सुरक्षित गुजरने की सूचना देना है। जब ट्रेन स्टेशन से गुजर रही होती है तो रेलवे कर्मचारी न केवल डिब्बों की गिनती करते हैं।

बल्कि यह भी सुनिश्चित करते हैं कि किसी डिब्बे में कोई तकनीकी खराबी तो नहीं है। इसलिए हरी और लाल झंडी उनके पास होती हैं ताकि वे किसी भी समस्या की स्थिति में तुरंत प्रतिक्रिया दे सकें।

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हरी झंडी सब कुछ ठीक है का संकेत

हरी झंडी का अर्थ होता है कि सब कुछ सामान्य है और ट्रेन को अपनी यात्रा जारी रखनी चाहिए। यह संकेत लोको पायलट को यह जानकारी देता है कि पटरियाँ साफ हैं और ट्रेन के संचालन में कोई बाधा नहीं है।

इसके विपरीत अगर किसी कर्मचारी को डिब्बों में कोई खराबी दिखाई देती है तो वह लाल झंडी दिखाएगा जिससे पीछे के गार्ड को सिग्नल मिलेगा कि ट्रेन को रोकना है।

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ट्रेन की पूर्णता की पुष्टि

ट्रेन के अंतिम डिब्बे के पीछे एक 'X' का निशान होता है जिसे देखकर यह पुष्टि होती है कि ट्रेन पूरी तरह से पार हो गई है और कोई भी डिब्बा पीछे नहीं छूटा है। यह निशान भी एक महत्वपूर्ण सुरक्षा उपाय है जो सुनिश्चित करता है कि ट्रेन के प्रत्येक डिब्बे की जांच हो चुकी है और सभी सुरक्षित रूप से यात्रा कर रहे हैं।