कार में किस कारण किया जाता है कूलेंट का इस्तेमाल, इंजिन को होता है ये वादा फायदा
किसी भी कार को सही और सुचारू रूप से चलने के लिए इसके सभी पार्ट्स का सही तरीके से काम करना अति आवश्यक होता है। इसलिए कार के इंजन की स्थिरता और लंबे समय के लिए कूलेंट का उचित मात्रा में होना बेहद जरूरी है।
किसी भी कार को सही और सुचारू रूप से चलने के लिए इसके सभी पार्ट्स का सही तरीके से काम करना अति आवश्यक होता है। इसलिए कार के इंजन की स्थिरता और लंबे समय के लिए कूलेंट का उचित मात्रा में होना बेहद जरूरी है।
कूलेंट क्यों है इतना जरूरी?
कार के इंजन को चालू करते ही इसका तापमान तेजी से बढ़ने लगता है। इंजन के इस अत्यधिक गर्म होने से बचाने के लिए कूलेंट का उपयोग किया जाता है। यदि कार में पर्याप्त मात्रा में कूलेंट नहीं होता, तो इंजन का तापमान नियंत्रण से बाहर हो सकता है, जिसके परिणामस्वरूप इंजन के विभिन्न पार्ट्स तेजी से खराब होने लगते हैं, और इंजन सीज होने की संभावना भी बढ़ जाती है।
कूलेंट के अन्य लाभ
कूलेंट के उपयोग से कार के इंजन को ठंडा रखने के अलावा भी कई फायदे होते हैं। यह इंजन के अंदर मौजूद विभिन्न प्रकार के दूषित कणों को हटाने का काम करता है। साथ ही यह इंजन में जंग लगने से भी बचाव करता है।
कूलेंट की कमी से होने वाली परेशानियां
कूलेंट की मात्रा यदि कम हो जाए तो कार में विभिन्न प्रकार की परेशानियां उत्पन्न होने लगती हैं। पहली और सबसे बड़ी परेशानी इंजन का ओवरहीट होना है। इससे इंजन की क्षमता में कमी आती है और वाहन की एवरेज भी प्रभावित होती है।
कूलेंट कब बदलें?
कार के इंजन के संचालन के लिए कूलेंट अत्यंत महत्वपूर्ण है, परंतु समय के साथ इसकी गुणवत्ता में कमी आती है। इसलिए, इसे नियमित अंतराल पर बदलना चाहिए। आमतौर पर, वाहन की सर्विस के दौरान ही कूलेंट को बदल दिया जाता है। इसके अलावा, यदि इंजन के पास से अजीब गंध आने लगे, तो यह कूलेंट बदलने का संकेत हो सकता है।