गाड़ी का स्टेपनी वाला टायर बाकी टायरों से क्यों होता है छोटा, जाने कंपनी जानबूझकर क्यों करती है ये गलती
चाहे आप लंबे समय से कार या बाइक चला रहे हों लेकिन उनके बारे में नई जानकारियाँ सामने आना आम बात है। विशेष रूप से कारों की स्टेपनी को लेकर कई रोचक तथ्य हैं जिनसे बहुत से लोग अनजान होते हैं। स्टेपनी का अपना एक विशेष स्थान है जिसे अक्सर हमारी नज़रअंदाज़ी का सामना करना पड़ता है।
वाहनों की स्टेपनी जो अक्सर उपेक्षित रहती है वास्तव में डिजाइन और सुरक्षा के मामले में एक अनूठी विशेषता है। इसका छोटा आकार और हल्का वजन न केवल स्थान और वजन बचाता है बल्कि इमरजेंसी के समय में आसानी से उपयोग में लाया जा सकता है।
स्टेपनी का सही उपयोग और रखरखाव न केवल आपकी यात्रा को सुगम बनाता है बल्कि आपकी सुरक्षा को भी सुनिश्चित करता है।
स्टेपनी की अनूठी विशेषताएं
सच में अधिकांश वाहन निर्माता स्टेपनी को मुख्य टायरों से अलग बनाते हैं। इसका उद्देश्य इमरजेंसी स्थिति में इस्तेमाल होता है जिसके लिए इसका आकार और वजन मुख्य टायरों से छोटा और हल्का होता है।
यह प्रथा सभी कंपनियों में समान नहीं होती; कुछ कारों में जहां एलॉय व्हील होते हैं वहीं स्टेपनी साधारण रूप से आती है और इसका आकार भी बाकी टायरों से अलग होता है।
स्टेपनी का अलग होने का कारण
स्टेपनी को छोटे आकार और हल्के वजन में डिजाइन करने के पीछे कई कारण होते हैं। प्रमुख कारण डिग्गी में जगह बचाना और वजन कम रखना है जिससे वाहन के समग्र वजन पर प्रभाव पड़े बिना इमरजेंसी के समय में उपयोग में लाया जा सके।
इसके अलावा स्टेपनी का उपयोग केवल आपात स्थितियों में ही किया जाता है और इसे लंबी दूरी तक या लंबे समय तक इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।
स्टेपनी का सही उपयोग
स्टेपनी के छोटे आकार और हल्के वजन के बावजूद इसे उपयोग में लाते समय विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। इसे ज्यादा समय तक या बड़ी दूरी तक इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इसके साथ वाहन की गति को सीमित रखने की सलाह दी जाती है।
ताकि वाहन की बैलेंसिंग और सुरक्षा बनी रहे। स्टेपनी को आसानी से बदलने के लिए हल्का बनाया जाता है जिससे वाहन मालिक को इमरजेंसी स्थिति में किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।