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लड़कियों की शर्ट पर क्यों नही बनाई जाती जेब, पढ़े लिखे लोग भी नही बता पाएंगे ये खास कारण

आज के समय में फैशन की परिभाषा बदल चुकी है। एक समय था जब महिलाओं के कपड़े सिर्फ साड़ी और सलवार सूट तक ही सीमित थे लेकिन आज जींस, टी-शर्ट, शर्ट, पैंट, ट्राउज़र आदि ने उनके फैशन को नई पहचान दी है।
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आज के समय में फैशन की परिभाषा बदल चुकी है। एक समय था जब महिलाओं के कपड़े सिर्फ साड़ी और सलवार सूट तक ही सीमित थे लेकिन आज जींस, टी-शर्ट, शर्ट, पैंट, ट्राउज़र आदि ने उनके फैशन को नई पहचान दी है। इस बदलाव ने महिला और पुरुषों के कपड़ों में फर्क को कम किया है।

महिलाओं के शर्ट में जेब का अभाव

महिलाओं के शर्ट में जेब का न होना एक दिलचस्प विषय है। यह बात सच है कि अधिकांश महिलाओं के कुर्तों में जेब नहीं होती और जहां होती भी है वहां ये एक अपवाद स्वरूप होती है। पश्चिमी देशों से शुरुआत होने के बावजूद, इस ट्रेंड ने भारतीय फैशन को भी प्रभावित किया है।

जेब के अभाव के पीछे का कारण

एक मुख्य कारण यह है कि अगर महिलाओं के कपड़ों में जेब होती तो उसमें रखे गए सामान के कारण शरीर की बनावट में अवांछित उभार आ जाता। यह विचार उनके शरीर की सुंदरता को कम कर सकता था। इसीलिए फैशन डिजाइनर्स ने महिलाओं के कुर्तों में जेब न बनाने का विचार चुना।

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फैशन में आया बदलाव

हालांकि 2000 के बाद से लोगों की सोच में एक बड़ा बदलाव आया। फैशन डिजाइनर्स और लोगों ने महिलाओं के शर्ट में भी जेब बनानी शुरू कर दी। इस बदलाव को कुछ ने सराहा तो कुछ ने इसकी आलोचना भी की। फिर भी आज जरूरत पड़ने पर महिलाओं के लिए जेब वाले कुर्ते मिलते हैं।

समानता की ओर एक कदम

यह बदलाव न केवल फैशन की दुनिया में एक नई दिशा है बल्कि यह महिलाओं और पुरुषों के बीच समानता की ओर एक कदम भी है। आज के दौर में महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कम नहीं हैं। फैशन की यह बदलती प्रवृत्ति महिलाओं के सशक्तिकरण का एक प्रतीक बन कर उभरी है।