कारों में बंपर लोहे या स्टील के क्यों नहीं देती कंपनी, जाने इसके पीछे का असली कारण
आज कारों के बंपर प्लास्टिक से बनाए जाते हैं। प्लास्टिक बंपर हल्के हैं। हल्की होने से कार को कई लाभ मिलते हैं। इनसे कार की कीमत कम होती है और माइलेज बढ़ता है। लेकिन, क्या होगा अगर स्टील या लोहे के कारों के बंपर होंगे? वास्तव में, कार के बंपर पहले लोहे और स्टील के होते थे, लेकिन बाद में वे प्लास्टिक के बंपर से बदल गए, जो अब हर कार में है। क्या आप समझते हैं अगर लोहे या स्टील के कारों के बंपर बनाए जाएं?
1. वजन और लागत
लोहे या स्टील से बने बंपर प्लास्टिक से कम वजनदार होंगे। यह कार का कुल वजन बढ़ाता है। प्लास्टिक की तुलना में लोहा और स्टील भी महंगे हैं। यानी, लोहे और स्टील के बंपर दिए जाने से कार बनाने की लागत भी बढ़ जाएगी, जिससे आपको कार खरीदने के लिए अधिक पैसे खर्च करने के लिए मजबूर हो जाएंगे।
2. फ्यूल एफिशिएंसी
लोहे या स्टील के बंपर से कार का कुल वजन बढ़ेगा, जिससे माइलेज प्रभावित होगा। कार की वजन बढ़ने से इंजन पर अधिक जोर पड़ेगा और अधिक फ्यूल खर्च होगा। यानी स्टील या लोहे के बंपर से कार का माइलेज कम होगा।
3. पेडस्ट्रियन सेफ्टी
लोहे या स्टील का बंपर कार की पेडस्ट्रियन सेफ्टी को कम करेगा। पेडस्ट्रियन सेफ्टी, यानी पैदल चलने वालों की सुरक्षा। वास्तव में, लोहे या स्टील के बंपर वाली कार किसी पेडस्ट्रियन से टकराती है तो उसे बहुत गंभीर चोट लग सकती है क्योंकि यह लचीले नहीं होते हैं और बहुत कम बल देते हैं।
प्लास्टिक बंपर का इतिहास
गौरतलब है कि कार में प्लास्टिक बंपर का उपयोग 1980 के दशक में हुआ था। आज अधिकांश कारों में प्लास्टिक बंपर हैं। लोहे या स्टील के बंपर केवल कुछ विशिष्ट व्हीकल में प्रयोग किए जाते हैं, जैसे रेस कारें या सैन्य कारें।