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Wine Price Update: 1300 रुपए वाली शराब की बोत्तल मिल रही 400 में, शराब की दुकानों के बाहर लगी लाइनें

शराब प्रेमियों (Alcohol Lovers) के लिए सरकार की ओर से एक राहत भरी खबर है। अब, शराब की बोतलें, विशेषकर बीयर (Beer), की कीमतों में भारी कटौती की गई है। जहां पहले बीयर की एक बोतल के लिए 150 रुपये...
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The price of liquor bottle
   

शराब प्रेमियों (Alcohol Lovers) के लिए सरकार की ओर से एक राहत भरी खबर है। अब, शराब की बोतलें, विशेषकर बीयर (Beer), की कीमतों में भारी कटौती की गई है। जहां पहले बीयर की एक बोतल के लिए 150 रुपये चुकाने पड़ते थे, अब उपभोक्ता उसे मात्र 90 रुपये (Price Reduction) में खरीद सकेंगे।

इस खबर के प्रसार के बाद वाइन शॉप्स (Wine Shops) के सामने लंबी कतारें देखी गई हैं। शराब की कीमतों में कटौती और नई नीतियों के कार्यान्वयन से न केवल उपभोक्ताओं (Consumers) को लाभ होगा बल्कि यह सरकार के राजस्व में भी वृद्धि करेगा।

नई नीति शराब की बिक्री को और अधिक संगठित करेगी और उपभोक्ताओं को उचित मूल्य पर शराब उपलब्ध कराने के लिए सुनिश्चित करेगी। इस नीति के कार्यान्वयन से शराब की कीमतों में आई कमी शराब प्रेमियों के लिए एक सुखद समाचार है।

कीमतों में कटौती के पीछे की वजह

शराब वितरण (Alcohol Distribution) के दिग्गजों के बीच खींचतान का फायदा शराब पीने वालों को मिला है। पंजाब में, जहां शराब की अधिकतम बिक्री मूल्य पर कोई सीमा नहीं है।

ठेकेदार (Contractors) निवासियों से अधिक मूल्य वसूल रहे थे। नई नीति (New Policy) के मुताबिक, शराब की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए ठेकेदारों को घाटे से बचाने की दिशा में कदम उठाया गया है।

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एक्साइज ड्यूटी में कटौती की संभावना

नई नीति में शराब पर वसूली जाने वाली एक्साइज ड्यूटी (Excise Duty) को कम करने की संभावना है, जिससे शराब की कीमत में और अधिक कमी आ सकती है। इस कदम से शराब की बिक्री में वृद्धि होगी और सरकार की आय भी बढ़ेगी।

आबकारी नीति (Excise Policy) में शराब की बिक्री से दस हजार करोड़ का राजस्व अर्जित करने का लक्ष्य (Revenue Target) तय किया गया है।

लाइसेंस सिस्टम और ई-टेंडरिंग

उत्पाद विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कोटा सिस्टम की जगह लाइसेंस सिस्टम (License System) को लागू करने की योजना है। शराब ट्रकों की बिक्री अब लॉटरी के बजाय ई-टेंडरिंग (E-Tendering) के जरिए की जाएगी। इससे प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी और शराब की बिक्री में वृद्धि होगी।