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इस नई तकनीक के आने से बिना ईंट और पत्थरों के बनेगा मजबूत घर, जाने इस नई तकनीक से कितना सस्ता पड़ेगा घर बनवाना

मिवान शटरिंग का वैसे तो भारत में बहुत ज्यादा इस्तेमाल नहीं होता है, लेकिन मोदी सरकार के साल 2022 तक हाउसिंग फॉर ऑल के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के मद्देजनर इसे काफी प्रमोट किया जा रहा है।
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Mivan Shuttering apartment
   

मिवान शटरिंग का वैसे तो भारत में बहुत ज्यादा इस्तेमाल नहीं होता है, लेकिन मोदी सरकार के साल 2022 तक हाउसिंग फॉर ऑल के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के मद्देजनर इसे काफी प्रमोट किया जा रहा है। देश में बड़े बड़े हाउसिंग प्रोजेक्ट्स को तैयार करने के लिए मिवान शटरिंग कंस्ट्रक्शन तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है।

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भविष्य में मिवान शटरिंग निर्माण के पारंपरिक तरीकों को पीछे छोड़ सकता है? आइए जानते हैं मिवान शटरिंग कंस्ट्रक्शन तकनीक बारे में पूरी जानकारी...

भारतीय रियल एस्टेट बाजार में बढ़ती मांग को समय पर पूरा करना डेवलपर्स के लिए एक बड़ी चुनौती है। निर्माण प्रक्रिया को सुव्यवस्थित और आधुनिक बनाने के लिए डेवलपर्स नई कंस्ट्रक्शन टेक्नोलॉजी का फायदा उठा रहे हैं। इसके लिए वे मिवान कंस्ट्रक्शन तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं। आइये आपको बताते हैं आखिर क्या होती है भवन निर्माण की यह तकनीक?

क्या है मिवान शटरिंग तकनीक

मिवान शटरिंग एक एडवांस्ड फॉर्मवर्क सिस्टम है जिसका उपयोग मजबूत कंक्रीट इमारतों के निर्माण के लिए किया जाता है। इसमें भवन का बेसिक स्ट्रक्चर तैयार करने के लिए एल्यूमीनियम पैनल और एक्सट्रूडेड प्रोफाइल का उपयोग किया जाता है।

बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन का यह सिस्टम कम समय में निर्माण को पूरा करता है, जिससे कम समय में रेसिडेंशियल, कमर्शियल और इंडस्ट्रियल बिल्डिंग प्रोजेक्ट्स डिलीवर होते हैं। मिवान कंस्ट्रक्शन में दीवार को मजबूत करने वाले स्टील का इस्तेमाल बिल्डिंग को एक ढांचा देने और कंक्रीट के सपोर्ट के लिए किया जाता है।

इसके लिए कारखाने में तैयार एल्यूमीनियम फॉर्मवर्क स्टील की जाली सीधे कंस्ट्रक्शन साइट पर स्थापित की जाती है। चूंकि पारंपरिक तौर से भवन निर्माण परियोजनाओं को पूरा करने में काफी समय और श्रम लगता है।

वहीं, किसी कारण से देरी होने पर प्रोजेक्ट की लागत भी बढ़ जाती है। लेकिन, मिवान शटरिंग कंस्ट्रक्शन प्रोसेस से इन चुनौतियों से निपटने में मदद मिलती है।

मिवान टेक्नोलॉजी के फायदे

यह कंस्ट्रक्शन टेक्नोलॉजी बिल्डिंग को ज्यादा भूकंप प्रतिरोधी और टिकाऊ बनाती है। चूंकि जॉइंट्स की संख्या कम होती है, इसलिए भवन में लीकेज कम होता है इसलिए ज्यादा मेंटनेंस की जरूरत नहीं होती है।

मिवान कंस्ट्रक्शन में हाई क्वालिटी के एल्यूमीनियम का उपयोग भवन का ज्यादा मजबूती देता है। घर बनाने के पारंपरिक तरीकों की तुलना में, मिवान शटरिंग निर्माण प्रोसेस में 30% से 50% तक की तेजी आती है।

इसका नतीजा यह होता है कि हाउसिंग प्रोजेक्ट्स जल्द से जल्द तैयार होते हैं। इस कंस्ट्रक्शन टेक्नोलॉजी में ज्यादा कारपेट एरिया निकलने की गुजाइंश होती है। इसमें प्लास्टरिंग की भी जरूरत नहीं होती।

देश में कई बिल्डर्स अब मिवान टेक्नोलॉजी प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं। हालांकि, इस तकनीक से बने घर और अपार्टमेंट की कीमत पारंपरिक रूप से तैयार किए गए घर की तुलना में ज्यादा होती है।