इस एक्सप्रेसवे के बन जाने से अमृतसर से जामनगर का सफर होगा आसान, दिल्ली NCR समेत इन लोगों को होगा तगड़ा फायदा
भारतीय बुनियादी ढांचे के विकास में एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है। अमृतसर से जामनगर तक फैलने वाले देश के दूसरे सबसे लंबे एक्सप्रेसवे की परियोजना अगले वर्ष दिसंबर तक पूरी होने की उम्मीद है। इस एक्सप्रेसवे की खासियत यह है कि यह न केवल दो प्रमुख शहरों को जोड़ेगा बल्कि रेगिस्तानी इलाकों को पार करते हुए इंजीनियरिंग के क्षेत्र में एक चमत्कार का निर्माण करेगा।
देश के दूसरे सबसे लंबे एक्सप्रेसवे की खासियत
इस एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 1,316 किलोमीटर होगी जो कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से मात्र 34 किलोमीटर छोटी है। यह वर्तमान में देश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे है। अमृतसर से शुरू होकर जामनगर तक जाने वाला यह मार्ग राजस्थान और हरियाणा के रेगिस्तानी इलाकों से होकर गुजरेगा, जिसमें लगभग 500 किलोमीटर का हिस्सा अकेले राजस्थान के रेतीले क्षेत्रों में पड़ेगा।
परिवहन क्षेत्र में क्रांति
नया एक्सप्रेसवे न केवल यात्रा के समय को कम करेगा बल्कि लागत को भी घटाएगा। वर्तमान में अमृतसर से जामनगर तक की दूरी तय करने में 26 घंटे लगते हैं, जो कि इस एक्सप्रेसवे के बन जाने पर घटकर मात्र 13 घंटे रह जाएंगे। इससे यात्रा के समय में भारी कमी आएगी और व्यापारिक गतिविधियों में तेजी आएगी।
आर्थिक विकास में योगदान
इस एक्सप्रेसवे का निर्माण न केवल अमृतसर और जामनगर के बीच सीधी कनेक्टिविटी प्रदान करेगा बल्कि इसके माध्यम से अमृतसर, भटिंडा, मोगा, हनुमानगढ़, सूरतगढ़, बीकानेर, नागौर, जोधपुर, बाड़मेर और जामनगर जैसे शहरों के औद्योगिक केंद्रों को भी बड़ा लाभ होगा। इससे इन क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी और नई रोजगार संभावनाएं उत्पन्न होंगी।
दिल्ली-एनसीआर से लाभ
इस एक्सप्रेसवे की दिल्ली-कटरा एक्सप्रेसवे से जुड़ने की योजना से दिल्ली-एनसीआर के निवासियों को भी काफी लाभ होगा। इससे पंजाब, दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा और गुजरात के बीच यात्रा आसान हो जाएगी और यह क्षेत्रीय संपर्क को मजबूती प्रदान करेगा। NHAI की योजना के अनुसार यह परियोजना दिसंबर 2025 तक पूरी होनी है और इसके निर्माण का एक बड़ा हिस्सा पहले ही जारी है।