यूपी के इस जिलें का नाम बदलने की तैयारी में है योगी सरकार, बस इस चीज के कारण रूका हुआ है नामकरण
फैजाबाद (अयोध्या), इलाहाबाद (प्रयाग) के बाद जल्द ही गाजियाबाद को भी एक अलग नाम मिल सकता है। योगी सरकार को गाजियाबाद का नाम बदलने का प्रस्ताव भेजा जाएगा। मंगलवार को गाजियाबाद नगर निगम की बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया। 100 पार्षदों में से 95 ने इस पर सहमति दी।
महापौर सुनीता दयाल ने कहा कि शासन को प्रस्ताव भेजा जाएगा। नए नाम से उन्होंने सरकार पर दबाव डाला है। सुनीता ने कहा कि वहीं से राज्य का नया नाम निर्धारित होगा। गाजियाबाद नगर निगम की बोर्ड बैठक में मंगलवार को नगर निगम का नाम बदलने का प्रस्ताव रखा गया है।
महापौर सुनीता दयाल ने कहा कि शासन को प्रस्ताव भेजा जाएगा। जनपद का नाम वहीं से निर्धारित होगा।भाजपा पार्षद संजय कुमार सिंह ने गाजियाबाद का नाम बदलने का प्रस्ताव रखा है। उनका अनुरोध है कि गाजियाबाद को गजनगर या हर नंदी नगर कर दिया जाए।
भाजपा पार्षद शीतल देओल ने इस प्रस्ताव का स्वागत करते हुए कहा कि यह सरकार को भेजा जाएगा। उनका कहना था कि गाजियाबाद का नाम बदलने की मांग काफी समय से की जा रही थी, लेकिन अब यह ऐतिहासिक कदम उठाया जाएगा। साथ ही कहा कि राज्य स्तर पर नामकरण किया जाएगा।
इन नामों पर भी विचार हो सकते हैं
जुलाई 2022 में, गाजियाबाद के दूधेश्वर नाथ मंदिर के महंत नारायण गिरि ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की और जिले का नाम बदलने की मांग की। उनका सुझाव था कि गजप्रस्थ, हरनंदीपुरम या दूधेश्वररथ नगर नाम दें। माना जाता है कि इन सभी विकल्पों पर विचार करने के बाद सरकार निर्णय ले सकती है।
गाजियाबाद का नाम कैसे आया?
मुगलकाल में गाजियाबाद का वर्तमान नाम दिया गया था। 1740 में, मुगल बादशाह औरंगजेब ने शहर को हिंडन नदी के किनारे बसे नवाब गजीउद्दीन के नाम पर नामकरण किया था। हाल ही में गाजियाबाद का नाम बदलने की मांग की गई है। यह महाभारत काल में हस्तीनापुर का ही हिस्सा था।
यूपी का प्रमुख शहर गाजियाबाद, आबादी में 28वां सबसे बड़ा जिला
राजधानी दिल्ली से सटे गाजियाबाद में उत्तर प्रदेश के मेरठ, गौतमबुद्धनगर, हापुड़ और बुलंदशहर जिले हैं। 2011 की जनगणना के अनुसार, हिंडन नदी के दोनों ओर घनी आबादी वाले गाजियाबाद में 46 लाख से अधिक लोग रहते हैं। यह देश का 28वां सबसे बड़ा जिला है।