Income Tax Raid: जब दिखने लगे ये गड़बड़ियां तब आयकर विभाग की पड़ती है रेड, जाने कैसे काम करती है टीम
आयकर विभाग (Income Tax Department) की छापेमारी या रेड की प्रक्रिया हमेशा चर्चा का विषय रही है। लोग अक्सर जानना चाहते हैं कि यह प्रक्रिया कैसे संचालित होती है और इस दौरान विभाग के पास क्या अधिकार होते हैं। आयकर मामलों के विशेषज्ञ और अधिवक्ता, डॉ. राकेश गुप्ता (CA) के अनुसार, छापेमारी (Raid) एक जटिल प्रक्रिया है।
जिसमें केवल आपत्तिजनक सामग्री की कॉपी बनाई जा सकती है। आयकर विभाग की छापेमारी और सर्वे की प्रक्रिया, विधि और व्यक्तिगत अधिकारों के बीच संतुलन स्थापित करती है। विभाग कर चोरी (Tax Evasion) और ब्लैक मनी (Black Money) के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई करता है।
लेकिन साथ ही नागरिकों की निजता और अधिकारों का सम्मान भी करता है। यह प्रक्रिया न केवल कर चोरी को रोकने में मदद करती है बल्कि एक जिम्मेदार और सजग नागरिक समाज की भी रचना करती है।
डिजिटल दस्तावेज़ और प्राइवेसी की सीमा
आधुनिक युग में, मोबाइल फोन (Mobile Phones) और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण (Electronic Devices) महत्वपूर्ण दस्तावेज़ों का भंडार बन गए हैं। इस संदर्भ में डॉ. गुप्ता बताते हैं कि ऐसे उपकरणों को पूर्णतः कॉपी करने का अधिकार विभाग को नहीं है, खासकर जब वे सर्वे या विषय से संबंधित न हों। इससे किसी की निजता (Privacy) का हनन हो सकता है।
सर्वे और रेड के दौरान उचित प्रक्रिया
वित्तीय और आयकर मामलों के जानकार, सर्वेश कुमार बाजपेयी (CA) के अनुसार, कोई भी सर्वे (Survey) सूर्योदय के बाद शुरू किया जा सकता है और सूर्यास्त के बाद समाप्त किया जा सकता है। यह बताता है कि विभाग के पास सर्वे और रेड के लिए निश्चित प्रक्रियाएं हैं जिनका वे अनुसरण करते हैं।
आयकर अधिनियम 1961 की भूमिका
आयकर अधिनियम 1961 (Income Tax Act 1961) की धाराएँ 132 और 133, विभाग को रेड और सर्वे करने का अधिकार प्रदान करती हैं। ये धाराएँ निश्चित करती हैं कि विभाग के पास मामले संबंधित दस्तावेज़ और सबूत जब्त करने की शक्ति होती है।
छापेमारी की प्रक्रिया और नागरिकों के अधिकार
छापेमारी के दौरान, आयकर विभाग की टीम गोपनीयता (Confidentiality) के साथ काम करती है और उनके पास सख्त नियम होते हैं जैसे कि मोबाइल फोन जब्त करना, दस्तावेज़ों की जाँच करना, और जरूरत पड़ने पर सामग्री जब्त करना।
हालांकि, विभाग की इस कार्रवाई में नागरिकों के अधिकार भी सुरक्षित हैं। जिनके यहाँ छापेमारी हो रही है, वे अधिकारियों से सर्च वारंट और आईडी कार्ड मांग सकते हैं, और अपने गवाहों को बुला सकते हैं।