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Haryana IMD Alert: हरियाणा में मॉनसून की बारिश की शुरुआत ने बढ़ाई परेशानी, आज इन जिलों में हो सकती है बारिश

हरियाणा में मानसून के आने के साथ ही राज्य को बड़े पैमाने पर बाढ़ से बचाने की तैयारियाँ अधूरी पड़ी हैं। बाढ़ रोकथाम के लिए जरूरी ड्रेनों की सफाई का काम काफी पीछे है।
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हरियाणा में मॉनसून की बारिश की शुरुआत ने बढ़ाई परेशानी
   

हरियाणा में मानसून के आने के साथ ही राज्य को बड़े पैमाने पर बाढ़ से बचाने की तैयारियाँ अधूरी पड़ी हैं। बाढ़ रोकथाम के लिए जरूरी ड्रेनों की सफाई का काम काफी पीछे है। इस समय हरियाणा में कुल 673 ड्रेन हैं जिनकी कुल लंबाई 4212.69 किलोमीटर है। इनमें से केवल 3253.46 किलोमीटर तक ड्रेनों की सफाई की जा चुकी है जबकि शेष बची ड्रेनों की सफाई में देरी हो रही है। सरकार ने 30 जून तक सभी तैयारियां पूरी करने का निर्देश दिया था मगर अभी कई स्थानों पर काम बाकी है।

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पिछले अनुभवों से सीख

पिछले साल की गंभीर बाढ़ के अनुभवों ने सिंचाई विभाग को और अधिक सक्रिय बनाया है। सिंचाई मंत्री अभय सिंह यादव का कहना है कि इस बार की तैयारियां पिछले साल से काफी बेहतर हैं। उन्होंने खुद तैयारियों का जायजा लिया है और यह सुनिश्चित किया है कि जहां काम अधूरा है वह भी जल्द पूरा हो। पिछले साल बाढ़ से हुई तबाही ने जहां 44 जिंदगियों को छीन लिया था वहीं हजारों लोग बेघर भी हो गए थे।

योजनाओं में प्रगति और उम्मीदें

बाढ़ नियंत्रण के लिए 617 योजनाओं पर काम किया जा रहा है जिनके लिए 1279 करोड़ रुपये की पैसे आवंटित किए गए है। इनमें से 74 योजनाएं पूरी हो चुकी हैं और 246 पर काम अभी भी जारी है। विभाग ने यमुनानगर, झज्जर, अंबाला, सोनीपत, कैथल, पंचकूला, रोहतक, और फतेहाबाद जैसे जिलों में विशेष योजनाएं बनाई हैं। इन योजनाओं से न केवल बाढ़ के दौरान पानी की निकासी में सुधार होगा बल्कि लोगों को भविष्य की बाढ़ से बचाने में भी मदद मिलेगी।

जल्दी और स्थायी उपाय

सिंचाई विभाग ने जलभराव के हॉटस्पॉट को चिह्नित कर, वहां अस्थायी सुरक्षा के उपाय किए हैं। सभी महत्वपूर्ण स्थलों पर सीमेंटेड बैग, बल्ली और मोबाइल पंप तैनात किए गए हैं। इसके अलावा, 2342 मोबाइल पंप भी तैयार किए गए हैं जिनकी कुल क्षमता 7610 क्यूसेक है। यह उपाय न केवल जल्दी जलभराव को कम करने में मदद करेंगे बल्कि बाढ़ की स्थिति में तेजी से प्रतिक्रिया देने की क्षमता भी बढ़ाएंगे।