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सेकंड हैंड कार पर फाइनेंस करवाने से पहले जान ले ये ख़ास चीजें, लाखों रुपए का होगा सीधा फ़ायदा

कार हर परिवार की आवश्यकता है और सभी लोग इसे खरीदना चाहते हैं।
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सेकंड हैंड कार पर फाइनेंस करवाने से पहले जान ले ये ख़ास चीजें
   

कार हर परिवार की आवश्यकता है और सभी लोग इसे खरीदना चाहते हैं। लेकिन बजट घटने पर लोग कार नहीं खरीद पाते। यही कारण है कि लोग मोटरसाइकिल या स्कूटर खरीदकर ही खुश हो जाते हैं। यदि आपका बजट सीमित है और आप कार खरीदना चाहते हैं तो भी आपके पास बेहतरीन विकल्प है।

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सैकेंड हैंड कार के लिए ये एक विकल्प है। वर्तमान में मार्केट में सैकेंड हैंड कारों का बाजार भी काफी गर्म है, और आपको सर्टिफाइड पुरानी कारें भी मिल जाएंगी। जो किसी भी परिस्थिति में पूरी तरह से सही हैं और गारंटी भी देते हैं। अब सवाल ये उठता है कि आपका बजट भी सैकेंड हैंड कार खरीदने के लिए पर्याप्त है या नहीं।

इसलिए आपके पास कार लोन का विकल्प है। यद्यपि कुछ लोगों का मानना है कि सैकेकंड हैंड कार को लोन पर नहीं लेना चाहिए, यह विचार कुछ हद तक गलत है। सैकेंड हैंड कार भी आसानी से चलती है।लेकिन सैकेंड हैंड कारों पर फाइनेंस कम टेन्योर, यानी कम सालों के लिए रहता है। वहीं, नई कारों की तुलना में इनकी ब्याज दर कुछ अधिक है। आइये आपको बताते हैं कि सैकेंड हैंड कारों पर फाइनेंस की शर्तें क्या हैं..।

बदल गई हैं शर्तें

स्क्रैपीज पॉलिसी आने के बाद सैकेंड हैंड कारों पर फाइनेंस को लेकर कुछ बदलाव हो गए हैं. अब उन्हीं डीजल कारों पर बैंक या एनबीएफसी फाइनेंस करते हैं जिनकी लाइफ 5 साल कम से कम बाकि हो. उदाहरण के लिए यदि आपको कोई कार पसंद आती है और वो 2018 की रजिस्टर्ड है तो बैंक इस पर फाइनेंस कर देंगे.

लेकिन ये फाइनेंस केवल 3 सालों के लिए होगा और इसकी ब्याज दर भी 12 से 14 प्रतिशत तक होगी. वहीं पेट्रोल कारों पर भी यही नियम लागू कर दिया गया है. हालांकि ये नियम कहीं भी बताया नहीं गया है लेकिन बैंको की ओर से अब ऐसी ही गाड़ियों पर फाइनेंस किया जा रहा है.

तो फिर क्या है फायदा

इसका सबसे बड़ा फायदा ये है कि आपको एक बेहतरीन और ज्यादा फीचर्स से लैस कार सस्ते दामों में मिल जाती है और फाइनेंस की रकम चुकाने के बाद भी वो नई कार से कम कीमत पर होती है. सैकेंड हैंड कार लेने का सबसे बड़ा ये फायदा होता है कि आप नई कार के बेस मॉडल से भी कम कीमत पर टॉप वेरिएंट तक ले सकते हैं. जो कि आसानी से फाइनेंस हो सकती है और आप कार के मालिक बन सकते हैं.

क्या रखें सावधानियां

सैकेंड हैंड कार खरीदते समय सर्टिफाइड कारों को ही चुनें। साथ ही, आपको इन कारों को सर्टिफाइड डीलर्स से ही खरीदना चाहिए, जैसे महिंद्रा फर्स्ट चॉइस, स् पिनी, कार देखो और मारुति सैकेंड हैंड कार डीलरशिप। वहीं, ऐसी कारें खरीदते समय आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनकी जीवनकाल कम से कम पांच साल की बाकी है। इससे आप कार को आसानी से फाइनेंस कर सकेंगे और उसे लंबे समय तक अपने पास रख सकेंगे, जिससे आप अपने दिए हुए पैसे वसूल सकेंगे।