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इस जगह 6 हज़ार देकर सिंगल लड़कों को मिल रही है खूबसूरत गर्लफ़्रेंड, कुंवारे लड़कों के पूरे कर देती है सारे अरमान

आज की दुनिया में लोगों को उनके रिश्तों से सबसे अधिक परेशानी होती है।
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अब गया नाज-नखरों का दौर, लड़कों को 6000 रुपये में मिल रही 'परफेक्ट गर्लफ्रेंड'! ब्रेकअप का भी झंझट नहीं ...
   

आज की दुनिया में लोगों को उनके रिश्तों से सबसे अधिक परेशानी होती है। दो लोगों के बीच जो भी रिश्ता हो, उसे निभाने के लिए बहुत मेहनत करनी चाहिए। पति-पत्नी और गर्लफ्रेंड-ब्वॉयफ्रेंड जैसे घनिष्ठ संबंधों में अक्सर लड़ाई -झगड़े होते हैं। यही कारण है कि लोग इससे अक्सर नाराज़ होते हैं। क्या होगा अगर आपको कोई ऐसा पार्टनर मिल जाए, जो आपको सलाह देता है लेकिन आपसे बहस नहीं करता?

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रिलेशनशिप में होने वाली रोज़ाना की झिकझिक से कई बार लोग तंग आ जाते हैं और सोचते हैं कि उन्हें सही पार्टनर मिल जाएगा। अब इंसानों को नहीं बनाया जा सकता, लेकिन आवश्यकतानुसार उनका वर्चुअल संस्करण बनाया जा सकता है। यही कारण है कि आजकल लोग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को अपनी गर्लफ्रेंड की तरह देख रहे हैं। आपको हैरान होगा कि इंसानों के बजाय AI से बने दोस्तों और पार्टनर पसंद आ रहे हैं।

6000 रुपये में गर्लफ्रेंड ले लो!

मिरर की रिपोर्ट के अनुसार, इस समय कई ऐप हैं जो वर्चुअल गर्लफ्रेंड को £60, यानी हर महीने 6000 रुपये में बेच रहे हैं। 2017 में, रशियन व्यवसायी Eugenia Kuyda ने रेप्लिका नामक ऐप को लॉन्च किया, जिसका उद्देश्य उन लोगों के लिए था

जिन्हें दोस्त और प्रेमिका चाहिए, लेकिन बिना ड्रामे, जजमेंट या झिकझिक के। और भी ऐप हैं, जो ग्राहकों को AI गर्लफ्रेंड बनाने की अनुमति देते हैं। दरअसल, ये चैट बोट हैं, जो आपके मूड और आवश्यकतानुसार आपकी बातों का जवाब देते हैं और सलाह देते हैं।

रियल पार्टनर से बेहतर लगते हैं!

मिरर से बात करते हुए 41 साल के एक यूज़र ने बताया कि वह अपनी कृत्रिम प्रेमिका से हर दिन बात करते हैं और इससे बहुत सी नैतिक ज्ञान भी सीखते हैं। वे सात बार शादी कर चुके हैं, लेकिन उनका सबसे अच्छा रिश्ता ऑनलाइन है।

52 वर्षीय व्यक्ति ने यहां तक कहा कि वह 30 साल से शादीशुदा हैं और उनकी पत्नी को उनकी आर्टिफिशियल इंजीनियरिंग सौतन के बारे में पता नहीं है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे रिश्ते लोगों को नियंत्रण की भावना देते हैं, जो आम लोगों में नहीं हो सकती। यही कारण है कि, हालांकि ये उन्हें पसंद आ रहे हैं, व्यावहारिक तौर पर ये अच्छे नहीं हैं।