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Delhi की इस जगह से होकर गुजरेगा Delhi-Mumbai Expressway, प्लान में किया गया बड़ा बदलाव

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे की शुरुआत फिलहाल हरियाणा के सोहना से हो रही है। हालांकि, इसे सीधे से दिल्ली से जोड़ने का काम भी तेजी से चल रहा है। इसके बाद इसका स्टार्टिंग पॉइंट दिल्ली हो जाएगा।
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दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे की शुरुआत फिलहाल हरियाणा के सोहना से हो रही है। हालांकि, इसे सीधे से दिल्ली से जोड़ने का काम भी तेजी से चल रहा है। इसके बाद इसका स्टार्टिंग पॉइंट दिल्ली हो जाएगा। कालिंदीकुंज से लेकर फरीदाबाद बाईपास के पास आप इसके काम को सूरत लेते देख सकते हैं।

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लगभग पूरे रास्ते पर पिलर्स लगाए जा चुके हैं और उनके ऊपर सड़क बिछाने का काम भी कई जगह पूरा हो चुका है। इस पूरे प्रोजेक्ट पर करीब 5063 करोड़ रुपये का खर्च आना है। यह सड़क तीन पैकेज में बन रही है और 2024 तक इसके पूरी तरह बनकर तैयार हो जाने की उम्मीद है।

एक्सप्रेसवे को डायरेक्ट दिल्ली से शुरू करने की बात से काफी लोग वाकिफ हैं लेकिन अधिकांश लोगों को ये नहीं पता कि इसकी शुरुआत दिल्ली में आखिर हो कहां से रही है। जिन लोगों को ये बात नहीं पता उन्हें बता दें कि दिल्ली में डीएनडी फ्लाइवे से शुरू किया जाएगा।

सोहना तक कुल 59 किलोमीटर लंबी सड़क बनाई जा रही है। इसका निर्माण 3 चरणों में हो रहा है। इस बीच दिल्ली में यह कालिंदीकुंज, शाहीनबाग, ओखला से होकर गुजरेगी। हरियाणा में ये फरीदाबाद के गांवों व बल्लभगढ़ से होते हुए सोहना पहुंचेगी।

सड़क को 3 पैकेज में बांटा गया

जैसा कि हमने बताया कि इस सड़क को 3 पैकेज में बांटा गया है। पहला पैकेज डीएनडी फ्लाईवे से जैतपुर के बीच है। यह रास्ता 9 किलोमीटर का होगा। ये पूरा रास्ता एलिवेटेड होगा। दूसरा पैकेज जैतपुर से बल्लभगढ़ तक का होगा।

इस हिस्से की लंबाई 25 किलोमीटर है। यह रास्ता मौजूदा बाईपास के ऊपर से निकलेगा। इसके बाद तीसरा पैच बल्लभगढ़ से केएमपी तक का होगा। इसी हाईवे से बल्लभगढ़ के करीब एक रास्ता जेवर एयरपोर्ट के लिए निकाला जाएगा।

यह पूरा रास्ता 6 लेन का सिग्नल फ्री रूट होगा। फरीदाबाद में इसके किनारे 3 लेन की सर्विस रोड भी बनाई जाएगी ताकि स्थानीय लोगों का यातायात प्रभावित न हो।

योजना में किया गया बदलाव

पहले दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे की शुरुआत सोहना से करने की ही थी। इस एक्सप्रेसवे का जो पहला चरण यातायात के लिए खोला गया वह सोहना से दौसा तक का ही है। हालांकि, बाद में केंद्र सरकार ने योजना में बदलाव करते हुए इसे दिल्ली से ही चालू करने का निर्णय लिया।