home page

Haryana Roadways: हरियाणा के हिसार डिपो में पहुंची हरियाणा रोडवेज की पहली AC बस, जाने किस रूट पर चलेगी नई रोडवेज बस

हिसार में हरियाणा रोडवेज में आई बड़ी खुशखबरी, अब रोडवेज को मिली इतनी न्यू बस, रोडवेज हिसार डिपो को बीएस-6 मॉडल की 6 और बसें मिल गई हैं।
 | 
first-ac-bus-of-haryana-roadways
   

हिसार में हरियाणा रोडवेज में आई बड़ी खुशखबरी, अब रोडवेज को मिली इतनी न्यू बस, रोडवेज हिसार डिपो को बीएस-6 मॉडल की 6 और बसें मिल गई हैं।

खास बात यह है कि एयर पॉल्यूशन कंट्रोल करने के लिए इन बसों में सेंसर लगा है। साथ ही इन बसों में 52 नहीं 58 सीटें हैं। फिलहाल इन बसों की जांच चल रही है। दो से तीन दिन में बसें रूट पर दौड़ने लगेंगी।

हमारा Whatsapp ग्रूप जॉइन करें Join Now

राहुल मित्तल का ये है कहना 

रोडवेज महाप्रबंधक राहुल मित्तल के अनुसार अगले सप्ताह रोडवेज बेड़े में 7 और बसें शामिल होंगी। डिपो में अब तक 18 बसें आ चुकी हैं।

हिसार डिपो को कुल 25 बसें मिलनी हैं। अब तक डिपो में आ चुकी बसों को दिल्ली, चंडीगढ़, गुरुग्राम सहित लंबे रूटों पर चलाया जा रहा है।

पिंक मिनी बस इधर 3 साल ने नही चली 

करीब तीन साल पहले बेटियों के लिए मिली पिंक मिनी बसों की आज तक सुविधा नहीं मिल पाई है। कई बार ग्रामीण रूटों पर बसों की सुविधा बढ़ाने के लिए रोडवेज अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा जा चुका है।

हर बार बसों को चलाने के लिए आश्वासन दिया जा रहा है। हालांकि दो पिंक मिनी बसें चलाई जा रही है। मगर इस बसों में भी पुरुष यात्री सफर करते हैं। बसों में बेटियों की संख्या कम तो पुरुष यात्रियों की ज्यादा हैं।

इतनी मिल चुकी है  बसे

25 में से 18 बसें मिल चुकी हैं। इन बसों को लंबे रूटों पर चलाया जा रहा है। जहां ग्रामीण रूटों पर बसों की संख्या कम हैं वहां बसों की फेरियां बढ़ाई जाएंगी। यात्रियों की मांग पर समय-समय पर बसें चलाई जा रही हैं। 

किन रूटों है बसों की कमी  

बता दें, कि ग्रामीण रूटों पर बसों की कमी हैं। इस कारण खासतौर पर हिसार पढ़ने के लिए आने और वापस जाने वाले विद्यार्थियों को बसों की सुविधा नहीं मिल रही है। ऐसे में रोडवेज की ओर से लंबे रूटों पर चल रही पुरानी बसों को लोकल रूट पर चलाया जा सकता है।

इससे विद्यार्थियों को राहत मिलेगी। इसको लेकर जल्द ही ग्रामीण रूटों की सूची बनाई जाएगी कि कौन-कौन से रूट पर बसों की सर्विस कम हैं। वहीं, डिपो में परिचालकों को ट्रेनिंग देने के लिए दो ई-टिकटिंग मशीनें मिली हैं।