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शादी के बाद पति पत्नी को नही करनी चाहिए ये बातें, वरना रिश्ता हो सकता है खराब

आचार्य चाणक्य जिन्हें कौटिल्य भी कहा जाता है भारतीय इतिहास के उन महान व्यक्तित्वों में से एक हैं जिनकी नीतियों और शिक्षाओं का असर आज भी समाज में देखा जा सकता है।
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आचार्य चाणक्य जिन्हें कौटिल्य भी कहा जाता है भारतीय इतिहास के उन महान व्यक्तित्वों में से एक हैं जिनकी नीतियों और शिक्षाओं का असर आज भी समाज में देखा जा सकता है। उनका नीति शास्त्र जिसे अक्सर चाणक्य नीति के नाम से जाना जाता है एक ऐसा ग्रंथ है जिसमें समाज के हर पहलू के बारे में बताया गया हैं। उनकी नीतियां न केवल प्राचीन समय में बल्कि आज के आधुनिक युग में भी उतनी ही जरूरी हैं।

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पति-पत्नी के संबंधों पर चाणक्य के विचार

आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में पति-पत्नी के बीच के संबंधों पर गहन चर्चा की है। उन्होंने इन संबंधों को मजबूत बनाने और उन्हें बिगड़ने से रोकने के लिए विभिन्न उपाय सुझाए हैं। चाणक्य का मानना था कि दांपत्य जीवन में अहंकार, शक और झूठ जैसे तत्व धीरे-धीरे रिश्ते को कमजोर कर देते हैं और अंततः उसे नष्ट कर सकते हैं। उन्होंने इन विध्वंसक चीजों से बचने की सलाह दी है ताकि रिश्ते में सुख और शांति बनी रहे।

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अहंकार

चाणक्य ने अहंकार को रिश्तों में सबसे बड़ी बाधा माना है। उनके अनुसार जब एक व्यक्ति अहंकारी होता है तो वह अपने साथी की भावनाओं और आवश्यकताओं की उपेक्षा करता है जो अंततः संबंधों के टूटने का कारण बनता है।

शक

चाणक्य के अनुसार शक एक ऐसा तत्व है जो विश्वास की जड़ों को कमजोर कर देता है। एक बार जब रिश्ते में शक की भावना घर कर जाती है तो यह उसे अंदर ही अंदर खोखला कर देता है।

झूठ

झूठ एक ऐसा कारक है जो सीधे तौर पर विश्वास को नष्ट कर देता है। चाणक्य ने आगाह किया है कि झूठ बोलने से न केवल व्यक्तिगत संबंध बिगड़ते हैं बल्कि यह सामाजिक बंधनों को भी कमजोर करता है।

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आदर और सम्मान की कमी

आचार्य चाणक्य ने यह भी बताया कि आदर और सम्मान की कमी से भी रिश्ते में दरार आ सकती है। जब एक साथी दूसरे की इज्जत नहीं करता, तो यह असंतोष और अलगाव की भावना को जन्म देता है।