Mughal Harem: हरम में बादशाह के साथ कौनसी रानी सोएगी ये तय करने के लिए इस्तेमाल होता था ख़ास तरीक़ा, महीनों महीनों बाद आता था बादशाह के साथ रात बिताने का नंबर
मुगलों के हरम के कई किस्से आपने सुने होंगे, ये भी सुना होगा कि हरम में हजारों महिलाएं होती थीं। बादशाह की खिदमत करना ही इनका काम था, हर कनीज चाहती थी कि वह बादशाह के बिस्तर तक पहुंचे, लेकिन ऐसा होता नहीं था। अबुल फजल ने खुद लिखा है कि अकबर के हरम में पांच हजार से ज्यादा महिलाएं थीं।
लेकिन इनमें से कुछ सैकड़ा ही उसके बिस्तर तक पहुंची थी। दिलचस्प ये है कि बादशाह की बेगमों और हजारों महिलाओं के बीच सिर्फ एक ही महिला होती थी जो यह मौका पाती थी, तो चलिए जानते है की ये कैसे तय होता था कि बादशाह के बिस्तर पर कौन होगा।
हरम में सिर्फ वो नहीं होता था जो आप सोचते हैं
मुगल बादशाह के हरम में सिर्फ वो नहीं होता था जो सिर्फ आप सोचते हैं, यह मुगल बादशाह के आरामगाह के लिए होता था। खास बात ये है कि इसमें सिर्फ बादशाह की ही एंट्री होती थी। वह जब चाहे तब वहां जा सकता था। वहां जाकर वो एक आसन पर बैठ जाता था।
उसके आसपास उसकी बेगमें बैठती थीं। इसके अलावा चारों ओर युवतियां होती थीं। इतिहासकारों के मुताबिक बादशाह अपनी मालिश हरम में ही कराते थे, ताकि तरोताजा महसूस कर सकें। संगीत की धुन, नाच-गाना भी हरम का एक प्रमुख अंग हुआ करता था।
कैसे तय होता था कि बिस्तर पर कौन होगा
बादशाह शराब पीने भी हरम में ही जाया करते थे। नाच-गाने और संगीत की धुनों के बीच पीने-पिलाने का सिलसिला चलता था, तब तक जब तक बादशाह बिस्तर पर जाने की इच्छा न करें। इसके बाद बारी आती थी ये चुनने कि बादशाह का साथ कौन देगा।
डच कारोबारी फ्रांसिस्को जहांगीर के काल में भारत आए थे। उन्होंने इसका जिक्र किया है। वह लिखते हैं यह पूरी तरह बादशाह की तय करते थे कि उनका हम बिस्तर कौन होगा। चाहे वह बादशाह की बेगम हो या फिर कोई कनीज या कोई और। खास बात ये है कि बादशाह की इच्छा के खिलाफ कोई नहीं जा सकता था।
हरम से बाहर जाने का मतलब मौत
हरम में हजारों महिलाएं थीं, लेकिन किसी को भी बाहर जाने की अनुमति नहीं थी, रानियां भी बादशाह की उम्र से ही बाहर आ सकती थीं। हरम किले के एक खास इलाके में हुआ करता था। जहां सिर्फ मुगल बादशाह ही जा सकता था।
वहां जाने की हिमाकत करने भर के लिए मौत की सजा मुकर्रर थी। जो महिलाएं हरम में थीं वह भी चाहरदीवारी के बीच ही जिंदगी गुजारती थीं। यदि कोई वहां से निकलता था या भागता था तो उसे मार दिया जाता था।