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ये तानाशाह दिन में 20 बार शराब से धोता था हाथ, खौफ इतना की कांपते थे लोग

इतिहास गवाह है कि चाहे वह हिटलर हो या गद्दाफी। दुनिया के कई कोनों में तानाशाहों ने अपने क्रूर शासन से लोगों के जीवन में त्रासदी की कहानियां रची हैं। ये शासक अपने समय के सबसे विवादास्पद चेहरे बने।
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इतिहास गवाह है कि चाहे वह हिटलर हो या गद्दाफी। दुनिया के कई कोनों में तानाशाहों ने अपने क्रूर शासन से लोगों के जीवन में त्रासदी की कहानियां रची हैं। ये शासक अपने समय के सबसे विवादास्पद चेहरे बने। जिनके नाम सुनने भर से लोगों की रूह कांप उठती थी। मुगलों के शासनकाल से लेकर रोमानिया के 60 के दशक तक हर युग में कुछ नाम ऐसे हुए हैं।

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जिन्होंने तानाशाही की एक अलग ही मिसाल कायम की। तानाशाही चाहे कितनी भी शक्तिशाली क्यों न हो। अंततः जनता की एकता और साहस के सामने झुकती है। इतिहास इन तानाशाहों को एक चेतावनी के रूप में याद करता है कि कोई भी शक्ति अनंत काल तक नहीं रहती।

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निकोलस चाचेस्कू रोमानिया का कुख्यात शासक

निकोलस चाचेस्कू रोमानिया के इतिहास में एक ऐसा नाम है। जिसने न केवल राजनीतिक बल्कि सामाजिक तौर पर भी अपनी जनता पर कठोरता से राज किया। चाचेस्कू ने अपनी अजीबोगरीब आदतों और कठोर नियमों के जरिए लोगों में एक गहरा भय उत्पन्न किया। वह अक्सर लोगों के निजी जीवन में दखल देता और अपने सिपाहियों को हर वक्त जासूसी के लिए तैनात रखता था।

असामान्य आदत शराब से हाथ धोना

चाचेस्कू की कुछ ऐसी आदतें थीं जो उसे अन्य तानाशाहों से अलग करती थीं। उसकी सबसे विचित्र आदत में से एक थी दिन में बीस बार एल्कोहल से हाथ धोना। उसे लोगों को छूने के बाद तुरंत अपने हाथों को साफ करने की आदत थी और इसके लिए वह एल्कोहल का इस्तेमाल करता था। यह आदत उसके व्यक्तित्व के जटिल और अजीब पहलुओं को दर्शाती है।

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जनता में व्याप्त भय और चाचेस्कू का पतन

चाचेस्कू की शासन शैली ने उसे अपनी ही जनता के बीच एक खौफ का प्रतीक बना दिया था। लोग उसके नाम से खौफ खाते थे और उसके कठोर नियमों के चलते कई बार सामाजिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ता था।

हालांकि इतिहास गवाह है कि अत्याचार का अंत होता है और चाचेस्कू का भी अंत उसके क्रूर शासन के खिलाफ उठ खड़े हुए जन आंदोलनों के साथ हुआ। उसका पतन उसके अपने ही देश की जनता के हाथों हुआ। जिसने उसके शासन को खत्म कर दिया।