गर्मी से बेहाल हुई भैंस ने हैंडपंप को देखकर दिखाई समझदारी, जीभ से लपलपा कर पीने लगी पानी

आपने अक्सर सुना होगा कि "अक्ल बड़ी या भैंस?" इस कहावत का इस्तेमाल अक्सर उस स्थिति में किया जाता है जब किसी को उसके कम बुद्धिमत्ता के लिए ताना मारना हो। लोगों की सामान्य धारणा के अनुसार भैंस को एक...
 

आपने अक्सर सुना होगा कि "अक्ल बड़ी या भैंस?" इस कहावत का इस्तेमाल अक्सर उस स्थिति में किया जाता है जब किसी को उसके कम बुद्धिमत्ता के लिए ताना मारना हो। लोगों की सामान्य धारणा के अनुसार भैंस को एक मंदबुद्धि जानवर माना जाता है जो केवल अपने आकार के लिए जानी जाती है न कि अपनी बुद्धिमत्ता के लिए।

लेकिन हाल ही में सामने आए एक वीडियो ने इस पुरानी धारणा को चुनौती दी है।  "अक्ल बड़ी या भैंस?" कहावत अब एक नए संदर्भ में देखी जा सकती है जहां भैंस ने अपनी बुद्धिमत्ता से सबको चौंका दिया है।

ये भी पढ़िए :- गर्मियों में सड़क के ऊपर चलता हुआ पानी क्यों आता है नजर, जाने किस कारण होता है ऐसा नजारा

वीडियो का वर्णन और भैंस की समझदारी

हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें कुछ भैंसें हैंडपंप के पास खड़ी थीं। प्रारंभ में इन्होंने हैंडपंप के आसपास गिरे हुए पानी को पिया। लेकिन जल्द ही एक भैंस ने हैंडपंप चलाना शुरू कर दिया और अपनी जीभ से पानी को चाटकर पिया।

यह दृश्य न केवल असामान्य था बल्कि यह भी दर्शाता है कि भैंसें अपनी प्यास बुझाने के लिए किस हद तक समझदारी दिखा सकती हैं।

इस वीडियो ने न केवल भैंसों के बारे में सोचने के तरीके को बदल दिया है बल्कि यह भी संकेत देता है कि किस तरह जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक संसाधनों की कमी के कारण जानवर भी अनुकूलन और स्मार्ट समाधान अपना रहे हैं। गर्मियों के दौरान जब नदी-नाले सूख जाते हैं तो जीवित रहने के लिए इस तरह की बुद्धिमत्ता जरूरी हो जाती है।

ये भी पढ़िए :- 16 सुरंग और 70 मोड़ से होकर पहाड़ों की खूबसूरती से भरा है 25KM का सफर, चारों तरफ का नजारा देख दिल हो जाएगा खुश

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया और वीडियो की प्रशंसा

जब यह वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित हुआ तो इसने तुरंत ही लोगों का ध्यान खींचा। लोगों ने इस वीडियो पर जमकर कमेंट किया और भैंसों की बुद्धिमत्ता की प्रशंसा की। इसे शेयर करने वाले IPS अधिकारी दीपांशु काबरा ने भी इस वीडियो को लोकप्रियता दिलाने में मदद की।

यह वीडियो न केवल मनोरंजन प्रदान करता है बल्कि यह भी दिखाता है कि प्राणी अपनी स्थितियों के अनुसार किस तरह से समझदारी से काम लेते हैं।