Chanakya Niti: महिलाओं के इन अंगों का दीवाना मर्द बन जाता है जोरू का गुलाम, ना चाहते हुए भी बीवी के पल्लू से रहता है चिपका
शास्त्रों में तो स्त्री को शक्ति का स्वरूप माना गया है, लेकिन चाणक्य ने बताया है कि स्त्रियों की सबसे बड़ी शक्ति क्या होती है। एक श्लोक के जरिए चाणक्य ने महिलाओं के अलावा ब्राह्मण, राजा (लीडर)की सबसे बड़ी ताकत का जिक्र किया है।
शास्त्रों में तो स्त्री को शक्ति का स्वरूप माना गया है, लेकिन चाणक्य ने बताया है कि स्त्रियों की सबसे बड़ी शक्ति क्या होती है। एक श्लोक के जरिए चाणक्य ने महिलाओं के अलावा ब्राह्मण, राजा (लीडर)की सबसे बड़ी ताकत का जिक्र किया है। आइए जानते हैं।
चाणक्य कहते हैं कि महिलाओं के लिए उनकी सबसे बड़ी ताकत होती है मधुर वाणी। इसके अलावा चाणक्य ने महिलाओं के सौंदर्य को भी उनकी शक्ति बताया है लेकिन मधुर वाणी के आगे शारीरिक सुंदरता को कम आंका जाता है, जो उचित है। मधुर वाणी के दम पर स्त्रियां हर किसी को अपना मुरीद बना लेती हैं।
मधुर बोलने वाली स्त्री का हर जगह सम्मान होता है, स्त्री का ये गुण कुल का मान बढ़ाता है और इस शक्ति की बदोलत घर की कई पीढ़िया को अच्छे संस्कार मिलते हैं। नीति शास्त्र की इन नीतियों को समझने से दुनिया आपके पीछे चलेगी और लोग आपके पीछे चलेंगे।
लालची
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि कपटी और लालची किसी भी चीज को पाने के लिए कई हदों को पार कर देता है। लालची व्यक्ति मीठी मीठी बातें कर आपको अपने जाल में फंसाता है और जब काम बन जाता है।
इसलिए पीछे भी नहीं देखता। ऐसे लोगों को पैसे देकर नियंत्रित किया जा सकता है। लेकिन एक बार में सब कुछ नहीं देना चाहिए। थोड़ा-थोड़ा देकर लालची व्यक्ति को नियंत्रित कर सकते हैं।
अंहकारी
चाणक्य ने कहा कि अंहकारी का अंहकार कभी नहीं तोड़ना चाहिए, बल्कि उसके सामने हाथ जोड़कर या उसकी तारीफ करके उसे अपने वश में करना चाहिए।
अंहकारी को तारीफ करना अच्छा लगता है और वह हमेशा तारीफ करने वालों की बात मानती है। अंहकारी का अंहकार तोड़ने की कोशिश करने पर वह आवेश में आ सकता है।
एक मूर्ख
आचार्य चाणक्य ने कहा कि जो व्यक्ति न तो समाज का ज्ञान है और न ही खुद का ज्ञान है, वह मूर्ख है। ऐसे लोग अभद्र टिप्पणी करने से भी नहीं हटते। मूर्ख हमेशा अपने मार्ग से भटक जाते हैं और छोटी गलती से बड़ी परेशानी मोल लेते हैं, मूर्ख हमेशा असफल होते हैं। लेकिन मूर्खों को उपदेश पसंद होते हैं।
अगर आपको किसी मूर्ख को वश में करना है तो उसे कठोर भाषा में बार बार उपदेश दें। एक मूर्ख को जीवन की सही राह दिखाने वाले व्यक्ति पसंद होते हैं, वो बात अलग है कि उपदेश सुनने के बाद भी मूर्ख मूर्ख ही रहेगा।
विश्लेषक
ज्ञानी व्यक्ति भी आचार्य चाणक्य के सिद्धांतों का पालन कर सकता है। सत्य को चाहने वाले लोग सच सुनते हैं और सच के साथ खड़े रहते हैं। सच बोलना ही ज्ञानी को नियंत्रित कर सकता है। सच बोलने से ज्ञानी व्यक्ति को झूठ भी सच लगेगा। क्योंकि तब तुम्हारे हाथ में होगा।