घर में 5Kw का सौलर पैनल लगवाए तो कितना आएगा खर्चा, फिर बाद में एक्स्ट्रा बिजली सरकार को बेचकर कर सकते है कमाई

आपकी छत खुली-खुली है और आसपास कोई उंचे भवन नहीं हैं तो यह आपके लिए पैसे कमा सकती है। सोलर क्षेत्र में काम करने वाली कंपनी सनगार्नर के सीईओ और संस्थापक सुमित तिवारी का कहना है कि...
 

आपकी छत खुली-खुली है और आसपास कोई उंचे भवन नहीं हैं तो यह आपके लिए पैसे कमा सकती है। सोलर क्षेत्र में काम करने वाली कंपनी सनगार्नर के सीईओ और संस्थापक सुमित तिवारी का कहना है कि अगर आपकी छत पर दिन के 8-9 घंटे भी पर्याप्त धूप आती है। 

तो फिर आप अपने बिजली बिल में कटौती कर सकते हैं। दरअसल, आप अपनी छत पर सोलर पैनल लगा कर बिजली बनाएंगे। उसे ही आप ग्रिड में सप्लाई कर अपने बिजली बिल में कटौती करेंगे।

ऑन ग्रिड सोलर पैनल

अगर आप अपने घर के हर महीने आने वाले भारी-भरकम बिजली बिल से परेशान हैं और इसका स्थाई समाधान चाहते हैं तो आपके घर की छत इसका बेहतरीन विकल्प है। अगर आपकी छत पर दिन के 8-9 घंटे भी पर्याप्त धूप आती है तो आप छत पर सोलर पैनल लगाकर बिजली बनाकर उसकी ग्रिड में सप्लाई कर सकते हैं।

इससे आपकी बिजली का बिल बहुत कम हो जाएगा। ऑन ग्रिड कहे जाने वाले इस सिस्टम का फायदा यह है कि जितनी बिजली आपका सोलर पैनल बनाता है, आपके बिजली बिल में उतने यूनिट कम कर बिल बनाया जाता है।

सोलर पैनल से बनेगी बिजली

आम तौर पर सोलर पैनल की एक प्लेट 400 वाट की आती है। अगर आपके घर में पांच किलोवाट का बिजली कनेक्शन है तो आप अपनी छत पर पांच किलोवाट तक का सोलर पैनल लगवा सकते हैं। इस समय सोलर पैनल की मोनो प्लेट 25 रुपये प्रति वाट के हिसाब से आती है।

इस तरह पांच किलोवाट का सोलर पैनल खरीदने में आपको 1.25 लाख रुपये खर्च करने होंगे। सोलर पैनल के इंस्टालेशन के लिए फ्रेम बनाने में तकरीबन 25,000 रुपये का खर्च आता है।

नेट मीटरिंग की मदद

ऑन ग्रिड सोलर पैनल सिस्टम में आप जो बिजली बनाते हैं वह सरकार के इलेक्ट्रिसिटी ग्रिड में ट्रांसफर कर दी जाती है। आपके घर में बिजली के खंभे से तार के जरिये जो इलेक्ट्रिसिटी आ रही है, वह पहले की तरह आती रहेगी। सोलर पैनल लगाने के बाद आपको बिजली का मीटर भी नया लगवाना पड़ता है जिसे नेट मीटरिंग कहते हैं।

इसमें आपके घर की छत पर लगे सोलर पैनल से बनाई गई बिजली और बिजली के खंभे से आने वाली बिजली इंपोर्ट-एक्सपोर्ट फॉर्मेट में दर्ज हो जाती है। इन दोनों के अंतर पर ही आपको बिजली बिल चुकाना पड़ता है।

इलेक्ट्रिसिटी लॉस की चिंता

दिन भर में आपके घर की छत पर लगे सोलर पैनल ने जितनी बिजली बनाई, वह नेट मीटरिंग में एक्सपोर्ट के रूप में दर्ज होती है जबकि आपने ग्रिड से जितनी बिजली अपने घर में इस्तेमाल की, वह इंपोर्ट के रूप में दर्ज की जाती है।

सोलर पैनल लगाने के साथ ही उसके ठीक नीचे एक इनवर्टर लगाया जाता है जो सोलर पैनल के माध्यम से बनने वाले डायरेक्ट करंट को अल्टरनेटिव करंट में बदलता है और उसके बाद यह बिजली ग्रिड में सप्लाई की जाती है। सोलर पैनल से इनवर्टर की दूरी कम रखी जाती है जिससे इलेक्ट्रिसिटी लॉस कम से कम हो।

रोजाना बनेगी कितनी बिजली

आपके घर की छत पर लगा सोलर पैनल धूप निकलने के बाद DC जेनरेट करता है, इसे AC में कन्वर्ट करने के लिए एक इनवर्टर लगाया जाता है। पांच किलोवाट का सोलर इनवर्टर आपको 12,000 रुपये की कीमत में मिल जाता है। सोलर पैनल इनस्टॉल करने के लिए आपका बिजली मिस्त्री काफी है।

पांच किलोवाट का सोलर पैनल रोजाना 25 यूनिट तक बिजली बनाता है। अगर आपकी बिजली आठ रुपये यूनिट आती है तो आपके सोलर पैनल से बनने वाली बिजली के लिए भी आपको आठ रुपये यूनिट का ही भाव मिलता है।

कितना होगा फायदा

आपके घर की छत पर लगने वाले पांच किलोवाट के सोलर पैनल पर आपका कुल खर्च करीब 1.6 लाख रुपये आता है जबकि आप साल भर में इससे 70,000 रुपये बचा सकते हैं। सोलर पैनल की लाइफ 20 साल की है। आपके घर के बिजली का बिल अगर हर महीने पांच-छह हजार रुपये का आता है।

तो आपके लिए घर की छत पर सोलर पैनल लगाना फायदे का सौदा साबित हो सकता है। अगर आप किसी ऐसे इलाके में रहते हैं जहां आसपास मल्टीस्टोरी बिल्डिंग नहीं है तो आप सोलर पैनल लगाकर फायदा उठा सकते हैं।