जाने किस तकनीक से पेड़ से बनाया जाता है कागज, अधिकतर लोग नही जानते

दुनिया का इतिहास केवल कागज पर लिखा गया है, लेकिन क्या आप इस कागज का इतिहास जानते हैं? कागज का आविष्कार किसने किया था और कैसे किया। क्या आप इन सभी प्रश्नों के जवाब जानते हैं?
 

दुनिया का इतिहास केवल कागज पर लिखा गया है, लेकिन क्या आप इस कागज का इतिहास जानते हैं? कागज का आविष्कार किसने किया था और कैसे किया। क्या आप इन सभी प्रश्नों के जवाब जानते हैं? अगर ऐसा नहीं है, तो आज हम आपको इसके बारे में बताने जा रहे हैं।

दरअसल, कागज के आविष्कार पर इतिहासकारों मे बहुत से मतभेद है। तो चलिए आज हम आपको कागज के इतिहास के बारे में रोचक जानकारी देंगे। 

कागज किसने बनाया

माना जाता है कि कागज़ का आविष्कार चीन में त्साई-लुन ने हान वंश के शासनकाल में 202 ईसा पूर्व कागज बनाया था। इससे पहले तक यहां लिखाई के काम के लिए बांस और रेशम से बना कपड़ा उपयोग किया जाता था।

हालाँकि, कुछ इतिहासकारों का मानना है कि कागज का सबसे पहले आविष्कार मिस्र में ईसा से लगभग 1400 वर्ष पूर्व हुआ था। 

कागज से पूर्व लिखित सामग्री

इतिहासकारों का कहना है कि कपड़ों के चिथड़ों से कागज बनाया गया था। पुराने समय में, जब कागज नहीं था, लेखन के लिए ताड़पत्रों का इस्तेमाल किया जाता था। पुराने समय में लकड़ी, ताम्रपत्र और शिलालेख भी लेखन सामग्री थे।

त्साई-लुन ही कागज का आविष्कारक किया था, इसलिए उसका नाम सबसे पहले कागज के आविष्कारक के रूप में लिया जाता है। रेशम और बांस से बना कागज बहुत अधिक महंगा था। रेशम और बांस दोनों बहुत भारी और महंगे थे। त्साई-लुन ने फिर एक हल्का और सस्ता पत्र बनाने का विचार लिया।

कागज के संत 'त्साई-लुन'

त्साई-लुन ने पहली बार बांस, शहतूत के पत्ते, पेड़ की छाल और रेशों के माध्यम से कागज बनाने का विचार बदल दिया। उनके इस आविष्कार से विश्व भर में कागज का उपयोग होने लगा। उनकी इसी खोज के कारण उन्हें कागज का संत भी कहा जाता है।

वही, दूसरे इतिहासकारों का कहना है कि कागज ईसा से लगभग 1400 वर्ष पूर्व मिस्र में बनाया गया था। इसे बनाने के लिए पेपिरस एंटीकोरियम घास का उपयोग किया गया। नैश के एकुसोडस, लेखक और इतिहासकार, इस बात का उल्लेख करता है।

भारत में कागज उत्पादन

भारत में भी कागज का बहुत पुराना इतिहास है। भारत में भी सिंधु सभ्यता के दौरान कागज का इस्तेमाल हुआ था। 1417 ईस्वी से लेकर 1467 ईस्वी के बीच, सुल्तान जैनुलआबिदीन ने भारत में कागज बनाने का पहला उद्योग कश्मीर में शुरू किया।

बात अगर आधुनिक तकनीक पर आधारित कागज बनाने की हो तो, इसका पहला कारखाना सन 1870 ईस्वी में बाली (कोलकत्ता) नामक स्थान पर शुरू हुआ था। इसके बाद भारत में धीरे-धीरे कागज बनाने के कारखाने बढ़ते गए. 1882 में टीटागढ़, 1887 में बंगाल, 1925 में जगाधरी और 1933 में गुजरात में कारखाने खोले गए।