रविंद्रनाथ टैगोर ने 110 साल पहले इंग्लिश में लिख दिया था राष्ट्रीय गान, पुरानी तस्वीर को देख आपको भी नही होगा आंखो पर विश्वास
भारत का राष्ट्रगान 'जन गण मन' महान कवि और नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा लिखा और रचा गया था. भारतीयों के दिलों में देशभक्ति की भावना जगाने वाला गीत मूल रूप से 1911 में भारतो भाग्योभिदाता के रूप में बंगाली में रचा गया था.
राष्ट्रगान के बोल उपयुक्त रूप से भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को उजागर करते हैं जो विभिन्न भाषाओं, धर्मों और परंपराओं का घर है. अब, नोबेल पुरस्कार के फेसबुक पेज ने रवींद्रनाथ टैगोर (Rabindranath Tagore) के गीत का अंग्रेजी अनुवाद साझा किया है.
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गीत में थे कुल पांच छंद, पहले वाले को अपनाया राष्ट्रगान
ओरिजनली इस गीत में पांच छंद शामिल थे, जिनमें से केवल पहले को राष्ट्रगान के रूप में अपनाया गया. अनुवाद में लिखा गया, "आप सभी लोगों के मन के शासक हैं, भारत की नियति के विधाता हैं. आपका नाम पंजाब, सिंध, गुजरात और द्रविड़, उड़ीसा और बंगाल के मराठों के दिलों को जगाता है.
यह विंध्य और हिमालय की पहाड़ियों में गूंजता है, जमुना और गंगा के संगीत में घुलमिल जाता है, और भारतीय समुद्र की लहरों द्वारा गाया जाता है. वे आपकी आशीष के लिए प्रार्थना करते हैं और आपकी स्तुति गाते हैं. सभी लोगों की रक्षा आपके हाथ में है, आप भारत के भाग्य विधाता हैं. जय हो, जय हो, जय हो.”
साल 1913 में रवींद्रनाथ टैगोर को मिला था नोबेल
महान कवि रवींद्रनाथ टैगोर (Rabindranath Tagore) द्वारा लिखे जाने का दावा किया गया है, फोटो में दो और छंदों का अनुवाद भी शामिल है. शेयर की गई पोस्ट के कैप्शन में लिखा, “जन गण मन भारत का राष्ट्रगान है, जिसे मूल रूप से कवि रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा बंगाली में रचा गया था, जिन्हें 1913 में साहित्य में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. तस्वीर: टैगोर द्वारा जन गण मन का अंग्रेजी अनुवाद.”
तस्वीर ऑनलाइन जमकर हो रही वायरल
जैसे ही तस्वीर ऑनलाइन सामने आई, यूजर्स के ट्रांसलेटेड वर्जन को शेयर करने के लिए पेज को धन्यवाद दिया. एक ने लिखा, “भारत के महान नोबेल पुरस्कार विजेता कवि कोबीगुरु रवींद्र नाथ टैगोर द्वारा बंगाली में रचित सुंदर गीत जो भारत का राष्ट्रगान है. गीत का अंग्रेजी अनुवाद शेयर करने के लिए धन्यवाद.” एक अन्य ने पूछा, "क्या यह वास्तव में टैगोर की लिखावट है?"
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एक और ने कहा, "उत्कृष्ट लिखावट. मैं नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ. रवींद्रनाथ टैगोर का बहुत सम्मान करता हूं.” सुभाष चंद्र बोस ने 1941 में गीत का हिंदी में अनुवाद किया. 24 जनवरी, 1950 को देश के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद द्वारा घोषित गीत के पहले छंद को भारत के राष्ट्रगान के रूप में अपनाया गया.