अपने पारंपरिक कौशल को लेकर काम करने वालों के मोदी सरकार ने निकाली नई स्कीम, जाने विश्वकर्मा योजना से किन लोगो को होगा सीधा फायदा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लालकिले की प्राचीर पर तिरंगा झंडा फहराया और देश को संबोधित किया। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाईं और आने वाले समय का रोडमैप भी प्रस्तुत किया।
आज पीएम मोदी ने देश में आने वाले दिनों में एक नई योजना विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना भी शुरू करने का वादा किया। इस योजना का शुभारंभ आने वाली विश्वकर्मा जयंती से होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस योजना का बजट 13 से 15 हजार करोड़ रुपये होगा।
सरकार इस योजना के जरिए पारंपरिक कौशल वाले लोगों को मदद पहुंचाएगी। इसमें सुनार, लुहार, नाई और चर्मकार जैसे लोगों को फायदा होगा। इस योजना का मकसद ऐसे लोगों को फायदा पहुंचाना है, जो हाथ से कोई स्किल्ड वर्क करते हैं और पीढियों से यह काम करते आ रहे हैं।
क्या है विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना
विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना के तहत सरकार न केवल आर्थिक सहायता प्रदान करेगी बल्कि, कौशल विकास व आधुनिक तकनीक और औजारों एक आम कारीगर की पहुंच को सुगम बनाने के लिए भी कदम उठाएगी।
आसानी से लोन उपलब्ध कराने, हुनर निखारने और डिजिटल सशक्तिकरण करना इस योजना का मकसद है। पीएम मोदी ने लाल किले की प्राचीर से कहा कि सरकार देश के हर एक विश्वकर्मा को संस्थागत समर्थन मुहैया कराएगी।
किसे होगा फायदा
विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना का लाभ समाज के एक बहुत बड़े वर्ग को होगा। बढ़ई, मूर्तिकार, लुहार, राजमिस्त्री और ऐसे अन्य काम करने वाले कारीगरों को अपना काम करने और अपने हुनर के विकास में यह योजना मददगार होगी। इन कारीगरों को अपने उत्पाद के लिए व्यापाक बाजार उपलब्ध कराने के भी प्रावधान इस योजना में किए गए हैं।
गांवों में दो करोड़ लखपति दीदी बनाने का सपना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन विश्वकर्मा योजना के अलावा एक और नई योजना पर सरकार के विचार करने की भी जानकारी दी। उन्होंने कहा, मेरा सपना है गांव में दो करोड़ दीदी को लखपति बनाने का है।
इसलिए हम नई योजना के बारे में सोच रहे हैं। एग्रीकल्चर फील्ड में टेक्नोलॉजी ले आएंगे। ड्रोन की सर्विस उपलब्ध कराने के लिए हम इन्हें ट्रेनिंग देंगे। देश हर क्षेत्र में विकास कर रहा है। देश आधुनिकता की तरफ बढ़ रहा है।