इस देश के लोगों काम के प्रेसर के चलते भूल चुके है हँसना, अब कोचिंग सेंटर में पैसा देकर ले रहे है हंसने की ट्रेनिंग

मुस्‍कुराना जीवन के लिए बहुत जरूरी है. डॉक्‍टर कहते हैं कि चेहरे पर प्‍यारी सी मुस्‍कान हर बीमारी का इलाज है. लेकिन क्‍या आपने कभी सोचा होगा कि मुस्‍कुराना सीखने के लिए भी पैसे देने पड़ेंगे? ट्रेनर रखने होंगे, कोच‍िंग सेंटरों में जाना होगा.
 

मुस्‍कुराना जीवन के लिए बहुत जरूरी है. डॉक्‍टर कहते हैं कि चेहरे पर प्‍यारी सी मुस्‍कान हर बीमारी का इलाज है. लेकिन क्‍या आपने कभी सोचा होगा कि मुस्‍कुराना सीखने के लिए भी पैसे देने पड़ेंगे? ट्रेनर रखने होंगे, कोच‍िंग सेंटरों में जाना होगा. शायद नहीं. मगर जापान में ऐसा हो रहा है.वहां के लोग मुस्‍कुराना भूल गए हैं.

अब उन्‍हें यह सीखना पड़ रहा है और इसके लिए भारी भरकम रकम चुकानी पड़ रही है. डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना महामारी की वजह से 3 साल तक लोग मास्‍क के पीछे चेहरा छिपाकर रहे. पिछले हफ्ते सरकार ने सभी पाबंदियां हटा लीं तो पता चला कि लोग मुस्‍कुराना भूल गए हैं.

ये भी पढिए :-  पटरियों पर दौड़ रही ट्रेन में लड़कियों ने सबके सामने किया बेशर्मी भरा डांस, नाचने का स्टाइल देख लोग बोले कॉन्फिडेंस अच्छा है

उन्‍हें डर है कि वे इतने लंबे समय से मास्‍क पहन रहे हैं कि भूल गए हैं कि मुस्‍कुराना कैसे है. इसके लिए पैसे खर्च कर रहे हैं. एक्‍सपर्ट रख रहे हैं. कई लोगों को लगता है कि मास्‍क की वजह से अब उनके चेहरे पर हंसमुख भाव नहीं आ रहे हैं, इसल‍िए विशेषज्ञों का रुख कर रहे हैं.

दबाव में मुस्‍कुराए तो चेहरे पर दिखने लग रहीं झुर्रियां

जापान टाइम्स से बात करते हुए, स्माइल ट्रेनर मिहो किटानो ने कहा-मैंने तमाम लोगों से सुना कि भले ही वे अपना मास्‍क हटा सकते हैं लेकिन अभी भी वह चेहरे का निचला ह‍िस्‍सा नहीं दिखाना चाहते. क्‍योंकि उन्‍हें डर है कि मुस्‍कुराकर वह जवाब नहीं दे पाएंगे.

ये भी पढिए :-  इस गांव में जंगली तेंदुआ हर रात को आता है गाय से मिलने, प्यार के कर्ज की कहानी आपका दिल जीत लेगी

कुछ को लगता है कि अगर वे ज्‍यादा दबाव डालकर मुस्‍कुराएं भी तो चेहरे पर और आंखों के चारों ओर ज्‍यादा झुर्रियां नजर आने लगती हैं, इससे वे बुजुर्ग दिखाई देते हैं. ऐसा लगता है कि उनका चेहरा लटक गया है. इसल‍िए वह जबरदस्‍ती मुस्‍कुराना नहीं चाहते.

एक्‍सपर्ट मुस्‍कान में मदद करने वाले योगाभ्‍यास करा रहे

किटानो ने बताया कि उनकी कंपनी स्‍माइल फेशियल मसल एसोसिएशन का कारोबार इसी वजह से आसमान छूने लगा है. लोग कोविड के पहले जैसा चेहरा और हावभाव देखना चाहते हैं. जब उनसे पूछा गया कि आख‍िर सेंटर पर होता क्‍या है? उन्‍होंने जवाब दिया, स्‍माइल एक्‍सपर्ट मुस्‍कान में मदद करने वाले योगाभ्‍यास कराती हैं.

ये भी पढिए :-  दुनिया का एक ऐसा अनोखा गांव जिसमें मर्दों के लिए आना है सख़्त मना, औरतें ही करती है पूरे गाँव पर राज

उन्‍हें काटने के लिए कुछ चीजें दी जाती हैं ताकि उनके गाल की मांसपेश‍ियों को ऊपर उठाने में मदद मिले. दांत दिखाने में मदद मिले. वह कहती हैं कि मैं कई ऐसे लोगों से मिलती हूं जो मुस्‍कुराने में अच्‍छे नहीं हैं, लेकिन उन्‍हें किया जा सकता है. उनकी मसल्‍स को ठीक करना होगा. भुजाओं का व्‍यायाम कराना होगा.