भारत की ये ट्रेन अपने यात्रीयो को मुफ़्त में करवाती है सफ़र, बिना कोई टिकट लिए घूमने आते है लाखों लोग

अगर आप भी ट्रेन से सफर करते हैं तो आपके लिए जरुरी खबर है। बता दें कि लंबी दूरी की यात्रा के लिए ट्रेनों को सबसे सस्ता और आरामदायक माना जाता है। भारतीय रेलवे (Indian Railways Facts) को लेकर कई अनोखे फैक्ट हैं।
 

अगर आप भी ट्रेन से सफर करते हैं तो आपके लिए जरुरी खबर है। बता दें कि लंबी दूरी की यात्रा के लिए ट्रेनों को सबसे सस्ता और आरामदायक माना जाता है। भारतीय रेलवे (Indian Railways Facts) को लेकर कई अनोखे फैक्ट हैं।

जो आम हिंदुस्तानी नहीं जानते हैं, वरना इन पर हर देशवासी को गर्व होता. आज हम आपको एक ऐसी ट्रेन से रूबरू कराने वाले हैं जिसमें यात्रा करने के लिए कोई भी टिकट नहीं लेना पड़ता है और इसके लिए कोई किराया भी नहीं देना होता है.

कौन सी है ये अनोखी ट्रेन?

जी हां, आपने बिल्कुल सही सुना! भारत में एक ऐसी भी ट्रेन है जिसमें सफर करने के लिए आपसे एक रुपया भी चार्ज नहीं किया जाता है. इस ट्रेन को खासकर उन मुसाफिरों के लिए चलाया जाता है जो भाखड़ा-नांगल बांध देखने आते हैं. भाखड़ा से नांगल तक जाने वाली ये ट्रेन हिमाचल और पंजाब की सीमा के पास चलती है.

इस ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों से कोई पैसा नहीं लिया जाता है. इस ट्रेन की बोगियां आज भी लकड़ी से बनी हुई हैं. इसमें आपको कोई भी टीटीई नहीं दिखेगा. दुर्गम पहाड़ों को काटकर इसके लिए ट्रैक तैयार किया गया है. ट्रेन की देखरेख और संचालन का जिम्मा भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड पर है.

क्यों नहीं लिया जाता एक भी पैसा?

अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर इस ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों से कोई पैसा क्यों नहीं लिया जाता है, तो आपको बता दें कि भारत सरकार ने इस ट्रेन को देश की धरोहर के तौर पर चिन्हित किया है.

इसका संचालन साल 1949 में शुरू किया गया था. इस ट्रेन को चलाने के लिए आज भी डीजल इंजन का इस्तेमाल होता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मानें तो इस ट्रेन को चलाने के लिए करीब 50 लीटर डीजल का इस्तेमाल होता है.

अनमोल विरासत के तौर पर जिंदा

एक समय था जब इस ट्रेन में 10 कोच हुआ करते थे लेकिन वर्तमान समय में इसमें केवल तीन बोगियां रखी गई हैं. इसमें एक बोगी सैलानियों और दूसरी बोगी महिलाओं के लिए रिर्जव है. भाखड़ा-नांगल बांध को बनाने में पुरानी पीढ़ियों को कितनी मशक्कत करनी पड़ी थी.

इस बात का एहसास आज के युवा कर पाएं. इसी लिहाज से भी भाखड़ा-नांगल ट्रेन को विरासत के तौर पर जिंदा रखा गया है और इसमें सफर करने वालों से एक भी रूपया नहीं लिया जाता है.