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इंसान के शरीर के 9 अंग अब बिल्कुल हो चुके है बेकार, पिछले हज़ारों सालों से नही हुआ कोई इस्तेमाल

साइंस के मुताबिक, मानव शरीर में 78 अंग होते हैं. इनमें सबसे प्रमुख सिर, गर्दन, धड़, हाथ और पैर माने गए हैं. लेकिन क्‍या आपको पता है कि इनमें से 9 अंग बिल्‍कुल बेकार हैं. अब इंसानों को इनकी जरूरत नहीं.
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useless body parts
   

साइंस के मुताबिक, मानव शरीर में 78 अंग होते हैं. इनमें सबसे प्रमुख सिर, गर्दन, धड़, हाथ और पैर माने गए हैं. लेकिन क्‍या आपको पता है कि इनमें से 9 अंग बिल्‍कुल बेकार हैं. अब इंसानों को इनकी जरूरत नहीं. लाखों वर्ष पहले हमारे पूर्वज इनका इस्‍तेमाल करते रहे होंगे तभी इनका विकास हुआ होगा, लेकिन हजारों वर्षों से अब इनका इस्‍तेमाल नहीं होता.

जैसे अपेंडिक्‍स, कुछ रिसर्च के मुताबिक, -इसमें गुड बैक्‍टीरिया स्‍टोर हो सकते हैं लेकिन कई बार इनमें सूजन आ जाती है, या यह फट जाती है तो ऑपरेट करके बाहर निकाल दिया जाता है. उसके बावजूद शरीर पर इसका कोई असर नहीं होता. आज हम ऐसे ही 9 अंगों के बारे में बात करेंगे.

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बिजनेस इनसाइडर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसे कई अंग शरीर में मौजूद हैं, जिन्‍हें अगर हटा दिया जाए तब भी शरीर को उसका कोई नुकसान नहीं होगा. सामान्‍य जनजीवन चल सकता है. बोस्‍टन कॉलेज में एंथ्रोपोलॉजिस्‍ट डोर्सा अमीर ने ऐसे 9 अंगों की पहचान की है. उन्‍होंने बताया कि अपेंडिक्‍स सबसे अनुपयोगी अंग हो सकता है.

पहले माना जाता था कि यह सेल्‍युलोज वाले पौधों को पचाने में मदद करता है, लेकिन बाद में पता चला कि यह पाचन तंत्र का हिस्‍सा नहीं है. इस बात के सबूत तो मिले हैं कि यह गुड बैक्‍टीरिया को स्‍टोर करके रखते हैं लेकिन यह हमेशा ऐसा ही काम करते हैं, इसकी पुष्टि नहीं.

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यह मांसपेशी 10 फीसदी लोगों में होती ही नहीं

इसी तरह पामेरिस लॉन्गस मसल (palmaris longus muscle.यह कलाई से कोहनी तक होती है लेकिन लगभग 10% मनुष्यों के पास यह नहीं है. फ‍िर भी लोगों को दिक्‍कत नहीं. अगर आप अपनी कलाई को उल्‍टा टेबल पर रखें और अंगूठे से रिस्‍ट बैंड वाली जगह की स्किन को पीछे खींचे तो यह मांसपेशी नजर आएगी.

यह इसल‍िए थी क्‍योंकि हमारे पूर्वज इसकी मदद से पेड़ों पर चढ़ा करते थे. 32 लाख वर्ष पहले जब इंसानों ने पैरों से चलना शुरू कर दिया तो इनकी जरूरत खत्‍म हो गई. इसी तरह मजबूत जबड़ों की अब हमें जरूरत नहीं. क्‍योंकि आजकल इंसान पका हुआ भोजन करता है जो नरम होता है. हमारे जबड़े भी छोटे होते हैं.

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पूर्वजों की जरूरत थे, अब नहीं

अरेक्टर पिली मांसपेशी (Arrector pili) भी इनमें से एक है. यह चिकनी मांसपेशियों का एक छोटा बैंड होता है जो बालों के रोम को तहखाने की झिल्ली के संयोजी ऊतक से जोड़ता है. हमारे पूर्वज, जिनके शरीर पर बहुत अधिक बाल थे।

उन्होंने अपने लाभ के लिए इन रेशों का उपयोग किया, लेकिन अब हमारे पास उनका कोई उपयोग नहीं है. मोटे फर वाले जानवरों के लिए अरेक्टर पिली इन्सुलेशन प्रदान करने में मदद कर सकता है.

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पूंछ आख‍िर क्‍यों विकस‍ित हुई

डोर्सा अमीर ने बताया कि प्रेग्‍नेंसी के पांच से आठ सप्ताह के बीच मानव भ्रूण में एक पूंछ विकसित हो जाती है. मनुष्य के जन्म के समय तक पूंछ गायब हो जाती है, और शेष कशेरुका कोक्सीक्स, या टेलबोन बनाने के लिए विलीन हो जाती है.

जो हमें छोटी सी महसूस होती है. पहले जब पूर्वज बंदरों की तरह नीचे बैठा करते थे तब यह सरकने में मदद करती थी, लेकिन जबसे इंसानों ने चलना सीख लिया इसकी जरूरत खत्‍म हो गई. आप चाहें तो इसे ऑपरेशन के जर‍िए हटवा भी सकते हैं.

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इसी तरह ऑरिक्यूलर मांसपेशियां कान के पिछले हिस्‍से को नियंत्रित करती हैं, लेकिन अब इनकी जरूरत नहीं. अन्‍य स्‍तनधारी जानवर ध्‍वन‍ि के जर‍िए शिकारियों का पता लगाने में इनका इस्‍तेमाल करते हैं.

20 फीसदी लोगों के पास यह अंग ही नहीं

इसी तरह पिरामिडलिस मसल्‍स (pyramidalis muscle).त्रिभुजाकार यह मसल्‍स पेट के निचले हिस्से में होती है. कई लोगों के पास इस तरह की 2 मांसपेश‍ियां होती हैं लेकिन हमें कोई मदद नहीं करती. लगभग 20% मनुष्यों में कोई पिरामिडल मांसपेशियां नहीं होती हैं.

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इसी तरह नर और मादा भ्रूण शुरू में एक जैसे ही विकसित होते हैं, लेकिन बाद में टेस्टोस्टेरोन पुरुषों के अंगों के विकास में लग जाता है. इससे पहले कि यह हार्मोन सक्रिय हो, निप्‍पल्‍स का विकास शुरू हो चुका होता है.

इसी तरह, प्लिका सेमिलुनारिस या तीसरी पलक, आंख के अंदरूनी कोने पर पाए जाने वाले टिश्शू की एक तह है. यह झिल्लियों जैसा दिखता है जिसका उपयोग कुछ जानवर आंखों की रक्षा के लिए करते हैं. इंसानों को अब इसकी जरूरत नहीं.