कितने टाइम के बाद कूलर की घास को बदल लेना चाहिए, गर्मियों के मौसम में मिलेगी ठंडी ठंडी हवा
गर्मी के दिनों में सूरज की तेज किरणें और गर्म हवाओं से राहत पाने के लिए कूलर हमारे बेहतरीन साथी होते हैं। लेकिन कूलर को सर्दियों के मौसम में बंद करके रखने के बाद गर्मियों में इसका पुनः इस्तेमाल करने से पहले उसे ठीक से जाँचना और तैयार करना जरूरी होता है।
कूलर की देखभाल क्यों जरूरी है?
गर्मी में कूलर के प्रभावी प्रदर्शन के लिए इसकी नियमित देखभाल और मरम्मत आवश्यक होती है। सर्दियों के दौरान कूलर अक्सर एक कोने में पड़े रहते हैं या कुछ लोग इसे अच्छे से पैक कर देते हैं। लेकिन अगर कूलर की ठीक से सफाई और सेवा नहीं की गई है तो गर्मियों में यह उचित ठंडक मिलती।
कूलर की घास का महत्व
कूलर में घास का होना बेहद जरूरी है, क्योंकि यही वह जगह होती है जहाँ हवा ठंडी होकर बाहर निकलती है। अगर घास की स्थिति खराब हो या वह धूल से भरी हुई हो, तो हवा सही से ठंडी नहीं हो पाएगी और कमरा ठंडा नहीं हो सकेगा। इसलिए गर्मियों में कूलर चालू करने से पहले घास की जाँच और बदलाव जरूरी होता है।
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कूलर की घास कब बदलें?
यदि कूलर की घास पुरानी और काली पड़ चुकी है या धूल से जाम हो गई है तो यह निश्चित है कि आपको नई घास की आवश्यकता है। आमतौर पर यह सलाह दी जाती है कि कूलर की घास को हर 2 सीजन के बाद बदल देना चाहिए, हालांकि कुछ लोग इसे 3-4 साल तक चलाते रहते हैं।
घास की कीमत
कूलर की नई घास की कीमत आमतौर पर 80 से 100 रुपये के बीच होती है लेकिन यह आपके क्षेत्र के आधार पर अधिक या कम भी हो सकती है। नई घास लगाने से कूलर बेहतर ढंग से काम करेगा और आपको अधिक ठंडी और ताज़ी हवा मिलेगी।