गैस सिलेंडर लेते है तो बिना किसी देरी के करवा ले ये जरुरी काम, वरना नही मिलेगा गैस सिलेंडर
भारत में घरेलू गैस कनेक्शनों को लेकर तेल कंपनियों ने अब एक सख्त और प्रबंधित दृष्टिकोण अपनाया है। इस नई पहल का मुख्य उद्देश्य है कि सभी उपभोक्ताओं की जानकारी को अद्यतन किया जाए और ई-केवाईसी (इलेक्ट्रॉनिक-नो योर कस्टमर) के माध्यम से उनकी पहचान सुनिश्चित की जा सके।
इससे न केवल वास्तविक उपभोक्ताओं की पहचान होगी बल्कि गैस सब्सिडी का सही वितरण भी सुनिश्चित हो सकेगा।
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ई-केवाईसी की आवश्यकता
तेल कंपनियों ने सभी वितरकों को निर्देश दिया है कि वे हर उपभोक्ता का ई-केवाईसी कराएँ। इसका मुख्य कारण यह है कि घरेलू और वाणिज्यिक उपभोक्ताओं के बीच स्पष्ट विभाजन किया जा सके।
यदि कोई उपभोक्ता जिला छोड़ चुका है या उनकी मृत्यु हो गई है तो उनके नाम से जारी कनेक्शन को उनके उत्तराधिकारियों के नाम कर दिया जाएगा या फिर कनेक्शन काट दिया जाएगा।
ई-केवाईसी न कराने पर प्रभाव
जो उपभोक्ता इस प्रक्रिया को पूरा नहीं करते हैं उनके गैस सिलिंडर की आपूर्ति में व्यवधान आ सकता है। इस कदम का उद्देश्य बोगस उपभोक्ताओं को चिह्नित करके उन्हें सूची से हटाना है।
जिससे सब्सिडी और अन्य सुविधाएँ केवल पात्र लोगों तक ही पहुँच सकें। कानपुर में अकेले तीन प्रमुख गैस कंपनियों के लगभग 11 लाख उपभोक्ता हैं जिनमें से 15% तक पर यह नई व्यवस्था प्रभाव डाल सकती है।
घर-घर जाकर ई-केवाईसी
गैस कंपनियां अब अपने कर्मचारियों को घर-घर भेजकर ई-केवाईसी अपडेट करवा रही हैं। आधार कार्ड के माध्यम से उपभोक्ताओं की पहचान की जांच की जाएगी और सभी जरूरी जानकारियाँ जैसे आधार नंबर पता और मोबाइल नंबर को अद्यतन किया जाएगा। यह प्रक्रिया न केवल सही उपभोक्ता की पहचान करेगी बल्कि उन्हें सुरक्षा की जानकारी भी प्रदान करेगी।
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सुरक्षा और सहायता की दिशा में एक कदम
सेल्स अफसर एलपीजी भूपेंद्र नौटियाल के अनुसार गैस कर्मचारी ई-केवाईसी के दौरान गैस सुरक्षा की जानकारी भी देंगे जिससे उपभोक्ताओं को गैस के सुरक्षित उपयोग की समझ हो सके। इसके अलावा जिन उपभोक्ताओं को सब्सिडी प्राप्त नहीं हो रही है।
उन्हें यह सुविधा फिर से शुरू की जा सकेगी। इस प्रकार यह नई व्यवस्था न केवल अनावश्यक लागतों को कम करेगी बल्कि उपभोक्ताओं की सुरक्षा और संतुष्टि में भी वृद्धि करेगी।