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Jamin Registry: रजिस्ट्री करवाने के कितने दिनों बाद जमीन करवा सकते है अपने नाम, बहुत कम लोगो को पता होती है सही जानकारी

हर किसी का सपना होता है कि उसका अपना एक घर हो। इस सपने को साकार करने के लिए लोग जमीन खरीदते हैं और उस पर घर बनाने की योजना बनाते हैं। जमीन खरीदते समय लोग अक्सर रजिस्ट्री की प्रक्रिया पर तो ध्यान देते हैं।
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हर किसी का सपना होता है कि उसका अपना एक घर हो। इस सपने को साकार करने के लिए लोग जमीन खरीदते हैं और उस पर घर बनाने की योजना बनाते हैं। जमीन खरीदते समय लोग अक्सर रजिस्ट्री की प्रक्रिया पर तो ध्यान देते हैं। लेकिन दाखिल-खारिज जो कि संपत्ति के म्यूटेशन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

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दाखिल-खारिज को अनदेखा कर देते हैं। दाखिल-खारिज की प्रक्रिया से संपत्ति पर आपका कानूनी अधिकार पुष्ट होता है और यह सुनिश्चित करता है कि संपत्ति पर आपका नाम राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज हो। घर खरीदते समय जमीन की रजिस्ट्री तो महत्वपूर्ण है परंतु दाखिल-खारिज उससे भी ज्यादा जरूरी है।

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इस प्रक्रिया को अंजाम देने से आपके संपत्ति पर कानूनी अधिकार मजबूत होते हैं और भविष्य में किसी भी कानूनी पेचीदगियों से बचा जा सकता है। अतः अपने सपनों के घर को सुरक्षित बनाने के लिए यह कदम उठाना अनिवार्य है।

क्या होता है अगर दाखिल-खारिज नहीं हुआ?

बियाडा के वरिष्ठ पीसीएस और ओएसडी डॉ. लाल कृष्ण के अनुसार अगर आपने संपत्ति खरीदी है और उसका दाखिल-खारिज नहीं कराया है तो यह एक बड़ी चूक हो सकती है। जमीन पर पूर्व मालिकों का अधिकार अभी भी बना रहेगा।

अगर उनमें से कोई भी कोर्ट में इस जमीन का दावा कर देता है तो आपके लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं। इससे आपको न केवल वित्तीय नुकसान हो सकता है बल्कि कानूनी पचड़ों में भी पड़ सकते हैं।

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समय सीमा के भीतर दाखिल-खारिज कराने की आवश्यकता

जमीन की रजिस्ट्री के बाद डॉ. लाल कृष्ण का सुझाव है कि 35 से 45 दिनों के अंदर दाखिल-खारिज की प्रक्रिया को पूरा कर लेना चाहिए। यह प्रक्रिया अब ऑनलाइन भी की जा सकती है जिससे इसे और भी सुविधाजनक और सरल बनाया गया है।

इस तय समयावधि में अगर दाखिल-खारिज नहीं कराया गया तो जमीन बेचने वाला व्यक्ति उसे किसी और को बेच सकता है जिससे आपको कोर्ट-कचहरी के चक्कर काटने पड़ सकते हैं।