UP Expressway: यूपी के इस नए एक्सप्रेसवे का अगले साल तक होगा काम पूरा, 63 किलोमीटर का सफर होगा 35 मिनट में पूरा
लखनऊ से कानपुर के बीच की दूरी कम करने के लिए बन रहा एक्सप्रेस वे आकार लेने लगा है। इस सुलभ यातायात का सपना अगले वर्ष दिसंबर 2024 तक पूरा हो जाएगा। कानपुर रोड पर सैनिक स्कूल से पिलर खड़े करने का काम शुरू हो गया है।
बनी तक करीब 12 किमी. तक पिलर बनने लगे हैं। पहले फेज में 360 पिलर पर बनने वाले 18 किलोमीटर के एलिवेटेड रोड के लिए निर्माण युद्ध स्तर पर चल रहा है। निर्माण होने से 63 किमी़ की दूरी मात्र 35 मिनट में पूरी होगी। बनी के पास एलीवेटेड सेक्शन के लिए पिलर खड़े होने लगे हैं।
दो पैकेज में हो रहा काम
लखनऊ-उन्नाव सीमा से पहले गांव हिनौरा में सड़क के लिए मिट्टी डालने का कार्य शुरू हो चुका है। 63 किमी. लंबे एक्सप्रेस वे का काम दो पैकेज में हो रहा है।
करीब 18 किमी का पैकेज-एक लखनऊ कानपुर रोड पर बनी के पास तक होगा। इसमें से 12 किमी. में सड़क पिलर पर रहेगी, जिनके लिए करीब 360 पिलर पूरे रूट पर बनेंगे।
लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस वे की कुछ खास बातें
18 किमी का एलीवेटेड सेक्शन का होगा पहला पैकेज।
360 पिलर करीब 12 किमी लंबाई में बनने हैं।
45 किमी के ग्रीनफील्ड सेक्शन का दूसरा पैकेज।
63 किमी लंबा होगा लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस वे।
35 मिनट में पूरा होगा लखनऊ से कानपुर का सफर।
छह लेन वाला यह एक्सप्रेस-वे दिसंबर 2024 तक होगा तैयार।
वर्तमान में लखनऊ से कानपुर पहुंचने में डेढ़ से तीन घंटे लगते हैं।
दिसंबर 2024 तक पूरा होना है काम
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) के परियोजना निदेशक सौरभ चौरसिया ने बताया कि एलीवेटेड सेक्शन पर करीब 10 प्रतिशत कार्य पूरा हो गया है। 45 किमी. लंबे पैकेज-दो के ग्रीनफील्ड सेक्शन पर भी काम शुरू हो चुका है। प्रोजेक्ट की प्रगति के लिए सटीक निगरानी की जा रही है। अगले साल दिसंबर 2024 तक प्रोजेक्ट पूरा कर लिया जाएगा।
बंथरा और बनी के बीच कानपुर रोड पर सड़क बैरिकेड कर पिलर की ढलाई का काम चालू है। करीब 10 प्रतिशत पिलर के ढांचे तैयार हो गए हैं। 18 पिलर पर सड़क बनाने के लिए पिलर कैप बनाने का कार्य शुरू हो गया है। कई पिलर पर शटरिंग का काम भी चालू है।
नाले का किया जा रहा निर्माण
यार्ड में तैयार हो रहे प्रीकास्ट तकनीक से बने गर्डर कानपुर रोड के पास रखे गए हैं। पिलर निर्माण के साथ ही उन्हें चढ़ाने का कार्य शुरू हो जाएगा। चढ़ाने के लिए ट्रैक भी तैयार हो चुका है। यहां सई नदी में बाढ़ से जल निकासी के लिए नाले का निर्माण किया जा रहा है।